Parvat Prahar Exercise: लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) में युद्धाभ्यास के दौरान एक पैरा कमांडो की पैराशूट न खुलने (parachute failed to open) से मौत हो गई. सैनिक की पहचान नायक सूरज पाल के रूप में हुई है, जो आगरा स्थित पैरा-ब्रिगेड में तैनात था. सूरज पाल की टीम पर्वत प्रहार एक्सरसाइज के लिए लेह गए हुए थे. पिछले 12 दिनों में लेह सेक्टर में पैराशूट न खुलने से किसी सैनिक की मौत की ये दूसरी बड़ी घटना है.
आर्मी चीफ ने जताया दुख
पैरा कमांडो की मौत पर दुख जताते हुए भारतीय सेना ने कहा कि नायक सूरज पाल की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. इस दुख की घड़ी में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और सेना के सभी रैंक उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. लखनऊ स्थित मध्य कमान ने लिखा कि कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल वाई डिमरी और सभी रैंक पैराट्रूपर सूरज पाल के दृढ़ साहस को सैल्यूट करते हैं, जिन्होनें देश के प्रति अपनी जान दे दी. इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं.
दरअसल, पिछले 15 दिनों से लेह-लद्दाख में 14वीं (फायर एंड फ्यूरी) कोर और मथुरा स्थित वन (1) स्ट्राइक कोर की पर्वत-प्रहार एक्सरसाइज चल रही थी. इस युद्धाभ्यास में आगरा स्थित पैरा-ब्रिगेड भी हिस्सा ले रही थी, जहां इनदिनों नायक सूरज पाल तैनात थे. एक्सरसाइज के दौरान 10 सितंबर यानि शनिवार को पैरा-ब्रिगेड के ट्रूपर्स को आसमान से पैरा-जंप करना था. पैरा-जंप के दौरान सूरज पाल का पैराशूट नहीं खुला और उनकी मौत हो गई.
29 अगस्त को भी हुआ था हादसा
बता दें कि नायक सूरज पाल उत्तर प्रदेश के हाथरस के रहने वाले थे. शनिवार को खुद थलसेना प्रमुख जनरल पांडे भी लेह सेक्टर में मौजूद थे और पर्वत प्रहार एक्सरसाइज की समीक्षा की थी. भारतीय सेना ने एक्सरसाइज की तस्वीरें भी जारी की थीं.लेह सेक्टर में पैराशूट न खोलने से किसी सैनिक की मौत की ये दूसरी घटना है. 29 अगस्त को रेड-हंट एक्सरसाइज के दौरान नायब सूबेदार हरिबीर सिंह की भी इसी तरह मौत हो गई थी.