केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ओर से जारी लेटेस्ट रिपोर्ट में कुछ ऐसी दवाइयों को लेकर खुलासा हुआ है, जो इलाज के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन परीक्षण में फेल हो गई है. इनमें कुछ ऐसी दवाएं शामिल है, जो अमूमन लोग इस्तेमाल करते हैं, जिसमें कुछ कंपनियों की कैल्शियम और विटामिन डी की टेबलेट्स शामिल हैं. 


ब्लड प्रेशर के इलाज की ये दवाई फेल


CDSCO ने जिन दवाइयों को फेल बताया उसमें पैंटोसिड टैबलेट का नाम शामिल है, जो एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए उपयोग की जाती है. इसे सनफार्मा बनाती है, जो परीक्षण में विफल रही. कैल्शियम और विटामिन डी की गोली, शेलकल और पुल्मोसिल इंजेक्शन, हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए उपयोग की जाती है. ये दवाइयां भी परीक्षण में विफल रही. अल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक क्लेवम 625 भी दवा परीक्षण में विफल रही.


लीवर संबंधित बीमारियों की दवाई फेल


CDSCO ने फर्जी, मिलावटी और गलत ब्रांडिंग वाले औषधियों, मेडिकल डिवाइस, टीकों और सौंदर्य प्रसाधनों की सूची जारी की है, जिनमें पल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन), पैंटोसिड (पैंटोप्राजोल टैबलेट आईपी), उर्सोकोल 300 (अर्सोडियोक्सीकोलिक एसिड गोलियां भारतीय फार्माकोपिया), उर्सोकोल 300 टैबलेट का उपयोग पित्ताशय की पथरी के इलाज में किया जाता है. यह लीवर की कुछ बीमारियों के इलाज में भी मदद करता है. यह दवाई सन फार्मा की हैं.


टेल्मा एच (टेल्मिसार्टन 40 मिलीग्राम और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड 12.5 मिलीग्राम टैबलेट आईपी), डेफ्लाजाकोर्ट टैबलेट (डेफकोर्ट 6 टैबलेट) भी परीक्षण में विफल रही. इसके अलावा मानक गुणवत्ता में सही नहीं पाए जाने वाली 48 दवाईयों की लिस्ट CDSCO ने जारी की है. इसके साथ ही जिन कंपनियों द्वारा यह दवाइयां बनाई गई है उन्होंने इस पर अपनी टिप्पणी भी की है. CDSCO भारत का केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन है, जो नई दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को बाजार में लाने के लिए लाइसेंस जारी करता है.


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