नई दिल्ली: नोटबंदी के एक साल पूरे होने से पहले-पहले काले धन को लेकर बड़ा नया खुलासा हुआ है. ये खुलासा जर्मनी के उसी अखबार ने किया है जिसने पनामा पेपर्स खुलासे किए हैं. दो ऐसी कंपनियों के दस्तावेज लीक हुए हैं जिन पर दुनिया भर की हस्तियों और कंपनियों के काले धन को सफेद करने का आरोप है. कुल एक करोड़ चौंतीस लाख दस्तावेज लीक हुए हैं. ये खुलासा 180 देशों से जुड़ा है. इस लिस्ट में 714 भारतीयों के नाम हैं.


एंटी ब्लैक मनी डे के दो दिन पहले इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने कर छूट पाने वाले देश (टैक्स हैवेंस) में भारतीय कारोबारियों के निवेश पर बड़ा खुलासा किया है. अखबार के मुताबिक बरमूडा की एप्पलबे फर्म से 714 भारतीयों का नाम जुड़ा हुआ है. इन नामों में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम, मोदी सरकार में राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, मीडिया लॉबिस्ट नीरा राडिया, कारोबारी विजय माल्या और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन जैसे कई नाम शामिल हैं.


पनामा पेपर्स खुलासे के 18 महीने बाद इंडियन एक्सप्रेस ने एक बार फिर इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेतटिव जर्नलिस्ट(आइसीआइजे) के साथ मिलकर इन नामों का खुलासा किया है. दुनिया भर की 96 न्यू़ज़ संस्थाओं ने आइसीआ़जे के साथ मिलकर यह विश्वस्तरीय खुलासा किया है. वैश्विक स्तर पर डॉनल्ड ट्रंप, ब्लादिमिर पुतिन, क्वीन एलीजाबेथ जैसे ताकतवर लोगों का नाम शामिल हैं.


119 साल पुरानी बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबे ने आफशोर कंपनी के जरिए दुनिया भर के कई कारोबारियों और नेताओं को टैक्स बचाने में मदद किया है.


दुनिया के 180 देशों के लोगों की जारी की गई नामों की सूची में भारत का स्थान 19वें नंबर पर है. ध्यान देने वाली बात ये है कि एक भारतीय कंपनी सन ग्रुप एप्पलबे की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है जिसके पास सबसे ज्यादा क्लाइंट हैं.

लॉ फर्म एप्पलबे की ऑफशोर कंपनी ओमिदियार नेटवर्क में नागरिक उड्यन राज्यमंत्री जयंत सिंहा का नाम है. जयंत सिंहा मंत्री बनने से पहले ओमिदियार नेटवर्क से जुड़े हुए थे. हालांकि सीधा आरोप उस कंपनी पर है जिससे सिंहा जुड़े हुए थे.

लीक हुए पैराडाइज दस्तावेजों में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी भी ‘निजी उद्देश्य’ से कोई लेनदेन नहीं किया गया है. सभी लेनदेन वैध और प्रमाणिक हैं.

सिंहा ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद मैंने डी. लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल से तत्काल इस्तीफा दे दिया था और कंपनी से अपने संबंध तोड़ दिए थे. ऑफशोर कंपनी की माल्टा सूची में राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का भी नाम है.

फोर्टिस अस्पताल के अशोक सेठ पर आरोप है कि स्टेंट बनाने वाली ने डॉ सेठ को शेयर बेचे है. इससे अशोक सेठ को 54 लाख रुपये का फायदा हुआ.

संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त का नाम बहमास की एक कंपनी में है. बहमास की एक कंपनी की डॉयरेक्टर मान्यता दत्त हैं.

क्या है पैराडाइस पेपर्स

पैराडाइज पेपर्स विदेशों में कर बचाने के लिए किए गए निवेश या बैंकों में जमा संपत्ति की जांच से संबंधित हैं. भारत में इसका खुलासा इंडियन एक्सप्रेस ने इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेट जर्नलिस्ट्स के साथ मिलकर किया है. वैश्विक स्तर पर 382 पत्रकार और 92 मीडिया संस्थानों नें साथ मिलकर यह खुलासा किया है.

क्या है टैक्स हैवेंस

टैक्स हैवेंस उन देशों को कहा जाता है जहां पर विदेशी व्यक्तियों और कारोबारियों को बहुत ही कम टैक्स या न के बराबर टैक्स पर कंपनी बनाकर पैसे का निवेश करने की इजाजत होती है. इन देशों में दुनिया के कई कारोबारियों और व्यक्तियों नें आम जनता के पैसे छुपा रखे हैं जिससे ये भारी मात्रा में टैक्स बचाते हैं. टैक्स हैवेंस में पैसे छुपाने और कंपनी खोलने के लिए उस देश का नागरिक होना जरुरी नही है.

क्या है ऑफशोर कंपनी

ऑफशोर कंपनी उस कंपनी को कहते हैं जो कि टैक्स हैवेंस में खोले जाते हैं. ये कंपनी अपने क्लाइंट को पैसे छुपाने का एक सुरक्षित माहौल देती हैं. इन कंपनियों में पैसे रखने से कारोबारियों और व्यक्तियों को बेहद कम टैक्स देने होते हैं. इन कंपनियों की मदद से काला धन आसानी से सफेद कर लिया जाता है. दुनिया भर के कई धनवान लोगों ने अपना पैसा छुपाने और टैक्स से बचने के लिए इन ऑफशोर कंपनियों में भारी मात्रा में पैसा लगा रखा है.