एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर बीजेपी का निशाना, कहा- वे सच्चाई से दूर भाग रहे हैं
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि गृह विभाग के कारोबार पर सवाल उठाने वाले परमबीर सिंह पहले शख्स नहीं हैं. इससे पहले महाराष्ट्र के डीजी सुबोध जायसवाल ने गृह विभाग में होने वाली रिश्वतखोरी, तबादला के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कार्रवाई नहीं की.
मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख चौतरफा घिरे हुए हैं. अब बीजेपी ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को निशाने पर लिया है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस सरकार को शरद पवार ने बनाया इसलिए वे उनका बचाव कर रहे हैं. केवल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के आदेश पर ही सचिन वाजे को वापस सेवा में लाया गया था. शरद पवार सच्चाई से दूर भाग रहे हैं.
दवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले की जांच तब तक नहीं हो सकती जब तक महाराष्ट्र के गृह मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे. इसलिए अनिल देशमुख को इस्तीफा देना चाहिए. परमबीर सिंह से पहले, महाराष्ट्र के डीजी सुबोध जायसवाल ने पुलिस स्थानांतरण पर भ्रष्टाचार के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कार्रवाई नहीं की. इसलिए डीजी जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस का बयान एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने अनिल देशमुख का बचाव किया. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में परमबीर सिंह का हस्ताक्षर नहीं है. उन्होंने सचिन वाजे की नियुक्ति को लेकर उठे सवालों का भी जवाब दिया. शरद पवार ने कहा कि वाजे की नियुक्ति न तो गृहमंत्री ने की न ही मुख्यमंत्री ने की. उन्होंने कहा कि वाजे का नियुक्ति का फैसला परमबीर सिंह का था.
शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के पास है. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि ये सब सरकार (महाराष्ट्र) को गिराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इसका कोई असर नहीं होगा."
अनिल देशमुख के फैसले पर क्या बोले शरद पवार?
शरद पवार ने कहा, "अनिल देशमुख का इस्तीफा लेना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है. हमसे बात करने के बाद इस्तीफा लेंगे. इस्तीफा भी एक विकल्प है. लेकिन अभी फैसला नहीं हुआ है. अनिल देशमुख पर मुख्यमंत्री समेत अन्य बड़े नेताओं से बात करूंगा. मैं कोई फैसला नहीं लेता, मांगे जाने पर सलाह देता हूं. अनिल देशमुख पर कल तक फैसला ले लेंगे."
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