Extortion Case: उगाही मामले में मुंबई पुलिस के पू्र्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ ठाणे कोर्ट से जारी हुआ गैरजमानती वारंट रद्द हो गया है. ठाणे की एक अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की पेशी के बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया. इसके साथ ही अदालत ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त को कहा है कि वो ठाणे पुलिस के साथ जांच में सहयोग करें. अदालत ने परमबीर सिंह को 15,000 रुपये का निजी मुचलका भी भरने का भी निर्देश दिया है.


मुंबई के पूर्व कमिश्नर पर लगाई गई शर्त


गैरजमानती वारंट रद्द करने के बाद ठाणे की अदालत ने परमबीर सिंह पर कंडीशन भी लगाए हैं. पहला ये कि परमबीर सिंह को 15 हजार का पर्सनल बॉन्ड भरना होगा. दूसरा ये कि जब भी उन्हें इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) बुलाए तो उन्हें आना होगा. केतन तन्ना और सोनू जालान की पैसे की उगाही मामले में परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. 


जबरन वसूली मामले में जारी हुआ था गैर जमानती वारंट


इससे पहले मुंबई पुलिस के पू्र्व आयुक्त परमबीर सिंह उनके खिलाफ पड़ोस के ठाणे जिले में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के समक्ष पेश हुए. ठाणे पुलिस ने इस साल जुलाई में बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत के आधार पर सिंह और 28 अन्य के खिलाफ रंगदारी (जबरन वसूली) का मामला दर्ज किया था. मामले में सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था.


हाल में एक अदालत ने सिंह को भगोड़ा घोषित किया था और कई महीनों तक उनका कुछ अता-पता नहीं था. बता दें कि परमबीर सिंह पर महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कुल पांच मामले दर्ज हैं. उन्हें इस साल मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारी के पद से उस समय हटा दिया गया था, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था और कारोबारी मनसुख हिरन की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी. एंटीलिया के पास मिले वाहन में विस्फोटक बरामद हुए थे.


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