Param Bir Singh Case News: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह समेत दूसरे लोगों के खिलाफ दर्ज वसूली मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र के क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने बड़ा खुलासा किया है. डिपार्टमेंट ने पाया कि व्यापारी श्याम सुंदर अग्रवाल को फंसाने के लिए संजय पूनामिया ने विशेष सॉफ्टवेयर और VPN का इस्तेमाल कर गैंगस्टर छोटा शकील की आवाज निकाली थी. यह फोन कॉल असली लगे, इसलिए VPN का इस्तेमाल कर यह दिखाया गया कि यह कॉल पाकिस्तान के कराची से किया गया था.
सूत्रों ने बताया की CID को जांच में यह भी पता चला है कि पुनामिया ने एक साइबर एक्सपर्ट की मदत से यह पूरा कारनामा किया था, ताकि कहीं से भी किसी को कोई शक न हो. इस मामले में CID अब भी जांच कर रही है. इसके साथ जल्द ही इस मामले में चार्जशीट भी दायर करने वाली है. इस मामले में CID ने साइबर एक्सपर्ट का बयान भी दर्ज किया है. शक है कि इसी साइबर एक्सपर्ट ने इस मामले में आरोपी और संदिग्धों को तकनीकी मदद की थी. अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि शकील ने श्यामसुंदर अग्रवाल के कहने के बाद कभी भी संजय पूनामिया को फोन कॉल कर धमकी नहीं दी.
आपको बता दें की मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में श्यामसुंदर अग्रवाल की शिकायत पर परमबीर सिंह, संजय पूनामिया, बिल्डर सुनील जैन, इसके अलावा दो ACP रैंक के अधिकारी, एक DCP और दो PI रैंक के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस ने पिछले साल पुनामिया और जैन को गिरफ्तार किया था. उसके बाद इस मामले की जांच करने के लिए एक SIT का गठन किया गया. फिर आगे चलकर इसे CID को ट्रांसफर कर दिया गया. CID ने जब इस मामले की जांच अपने हाथ में ली तो PI नंदकुमार गोपाले और आशा कोरके को गिरफ़्तार किया गया.
अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि परमबीर सिंह और उनके लोगों ने उन्हें मकोका मामले में यह कहकर फंसाया था कि गैंगस्टर शकील उसके कहने के बाद पुनामिया को धमकी दे रहा था. यह सिर्फ अग्रवाल पर 50 लाख रुपये और कुछ संपत्तियों के लिए दबाव बनाने की एक चाल थी. सिंह जब एंटीलिया मामले में फंसने लगे इसके बाद ही के अग्रवाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को उसके बारे में शिकायत लिखकर बताया.
CID ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी ने फोन कॉल की आवाज को शकील की आवाज से मेल करने के लिए कुछ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था और ऐसा दिखाया गया की अग्रवाल की ओर से पुनामिया को फोन कराया गया. यह साबित करने की कोशिश की गई कि अग्रवाल का पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर छोटा शकील के साथ घनिष्ठ संबंध है. इसका आधार लेकर सिंह और उनके साथियों ने अग्रवाल के खिलाफ मकोका का मामला दर्ज किया.
सीआईडी ने पाया कि पुनामिया को 2016 और 2017 में धमकी भरे कॉल किए गए थे. उस समय परमबीर सिंह ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे और अग्रवाल के खिलाफ ठाणे पुलिस ने भी मामले दर्ज किए थे. नवंबर 2020 में, पुनामिया को एक और फर्जी कॉल की गई, जिसके आधार पर जुहू पुलिस ने अग्रवाल के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया.
ये भी पढ़ें- UP Election 2022: बुलंदशहर में बोले CM Yogi- हमारी सरकार न केवल गुंडों को ठीक करती है बल्कि कोरोना को भी ठीक कर देगी