'परमबीर सिंह ही थे Antilia और मनसुख मामले के मास्टरमाइंड', ED के सामने अनिल देशमुख ने किया दावा
Antilia Bomb Case: देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर से कुछ ही दूरी पर एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी जिसमें अंबानी परिवार के लिए लिखा गया धमकी भरा पत्र और जिलिटिन स्टिक्स मिले थे.
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ED Questioned Anil Desmukh: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निलंबित आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद हटाया ही इसलिए था क्योंकि देशमुख को पता चला की एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में सिंह मास्टरमाइंड थे और इन मामलों से जुड़ी ब्रीफिंग में वो सच छिपा रहे थे.
आपको बता दें की देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर से कुछ ही दूरी पर एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली थी जिसमें अंबानी परिवार के लिए लिखा गया धमकी भरा पत्र और जिलिटिन स्टिक्स मिले थे. इस तरह की बात ED के सामने तब आई जब ED देशमुख का बयान दर्ज कर रही थी.
परमबीर सिंह ने लगाये थे अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप
आपको बता दें की पिछले साल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उस समय के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे उसके बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था. ED को दिए अपने बयान में देशमुख ने बताया की सिंह को कमिश्नर के पद से 17 मार्च 2021 को हटाए जाने के बाद उन्होंने मुझपर 20 मार्च 2021 को झूठे आरोप लगाए थे. सिंह को कमिश्नर के पद से इसलिए हटाया गया था क्योंकि उनके करीबी सचिन वाझे और 4 दूसरा लोगों का नाम एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्याकांड में सामने आया था.
एंटीलिया कांड पर गुमराह कर रहे थे परमबीर
अनिल देशमुख ने कहा कि वाझे और उसके सहकर्मियों ने मनसुख हिरेन की स्कोर्पियो में जिलेटिन स्टिक्स प्लांट किया था जिस मामले में NIA ने उन्हें गिरफ़्तार किया था. 5 मार्च 2021 को जब विधानसभा चल रही थी तब सिंह को ब्रीफिंग के लिए विधान सभा में बुलाया गया था, तब मैं गृहमंत्री था और जब सिंह को बुलाया गया था तब मैं एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनु कुमार श्रीवास्तव, लिमाय, और दूसरे बड़े अधिकारी मौजूद थे. उस ब्रीफिंग के दौरान सिंह एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या के मामले में जो ब्रीफिंग दे रहे थे वो गुमराह करने वाली थी.
मामले की मुख्यमंत्री उद्धव के साथ हुई थी चर्चा
इसके बाद इस मामले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद इसकी जांच ATS को सौंपी गई. कुछ दिनों के बाद मुख्यमंत्री के आवास पर ब्रीफिंग हो रही थी तब मैं, चीफ सेक्रेटरी सिताराम कुंठे, और गृहविभाग के दूसरे अधिकारी वहां मौजूद थे. उस ब्रीफिंग के दौरान भी ऐसा सामने आया की सिंह अपने उत्तरों से हमें गुमराह कर रहे थे और सच को छुपाने की कोशिश कर रहे थे.
ब्रीफिंग में यह भी पता चला की कमिश्नर ऑफिस की एक इनोवा गाड़ी का इस्तेमाल भी इस क्राइम में वाझे द्वारा किया गया था उसके कुछ दिन बाद इस मामले की जांच NIA ने अपने हाथ में ली और फिर 13 मार्च 2021 को वाझे को NIA ने गिरफ़्तार कर किया.
सीएम उद्धव से बात कर हुआ था परमबीर का तबादला
उसके बाद 17 मार्च 2021 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और मैंने गृहमंत्री के हैसियत से सिंह को कमिश्नर के पद से हटाने का निर्णय लिया था और फिर उनको डीजी होम गार्ड बनाया गया. अनिल देशमुख ने कहा, "मुझे ऐसा पता चला था की सिंह ही इस मामले में मास्टरमाइंड थे क्योंकि वह सच छिपा रहे थे."
20 मार्च 2021 को सिंह ने मेरे पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा जिस पत्र के आधार पर एडवोकेट जयश्री पाटिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल 2021 को इस मामले को जांच करने के लिए CBI को आदेश दिया था, अनिल देशमुख ने कहा सीबीआई को केस ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने मोरल ग्राउंड पर इस्तीफा दे दिया था.
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