Anil Deshmukh Corruption Case : पूर्व गृहमंत्री देशमुख के भ्रष्टाचार केस में आयोग के सामने सोमवार को पेश होंगे परमबीर सिंह
Anil Deshmukh : महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के भ्रष्टाचार केस की जांच कर रहे आयोग के सामने आईपीएस अफसर परमबीर को पेश होना है.
Corruption Case : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) की सोमवार को फिर पेशी है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के भ्रष्टाचार केस की जांच कर रहे आयोग के सामने आईपीएस अफसर परमबीर को पेश होना है. परमबीर के वकील ने यह जानकारी दी.
मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के नेता अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. मार्च में न्यायमूर्ति यू. चंडीवाल की अध्यक्षता में इस केस की जांच के लिए आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि परमबीर पेश नहीं हुए तो कार्रवाई झेलनी होगी. परमबीर के वकील ने शुक्रवार को आयोग को बताया कि उनके मुवक्किल एक केस के सिलसिले में ठाणे गए हैं. ऐसे में शनिवार या किसी और दिन पेश होने का मौका दिया जाए.
आयोग ने कहा कि शनिवार नहीं, फिर सोमवार को उन्हें पेश होना होगा. आयोग ने इससे पहले पेश नहीं होने के लिए कई बार परमबीर पर जुर्माना लगाया है. उनके विरुद्ध जमानती वारंट भी जारी किया गया है. एंटीलिया विस्फोटक सामग्री बरामदगी मामला सामने आने के बाद मार्च में परमबीर को मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से ट्रांसफर कर दिया गया था.
हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दबाव देने का है आरोप
परमबीर सिंह का आरोप है कि तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों से मुंबई के बार और रेस्तरां के मालिकों से हर महीने 100 करोड़ रुपये जबरन वसूली करने को कहा था. उगाही के एक मामले में मुंबई की अदालत ने परमबीर को भगोड़ा घोषित किया था. करीब 6 महीने बाद वे सार्वजनिक रूप से सामने आए. इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच के सामने अपना बयान भी दर्ज कराया.
आयोग के सामने आई एक और याचिका
इस बीच न्यायमूर्ति चंडीवाल आयोग के सामने एक और याचिका पहुंची है. खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले व्यक्ति ने याचिका दी है. उसने अनियमिततता की जांच का अनुरोध किया है. इसमें कहा गया है कि बिल्डरों, व्यवसायियों और आम लोगों को गलत मामलों में फंसाया गया है. आयोग ने याचिका को रेकॉर्ड में दर्ज किया है.
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