'अगर बांग्लादेश में नहीं बचे हिंदू तो मुस्लिम भी नहीं बचेंगे', जगद्गुरु परमहंस आचार्य के बिगड़े बोल
Paramhans Acharya Warns Bangladesh: परमहंस आचार्य ने बांग्लादेश की सरकार, प्रधानमंत्री, अदालतों और आतंकवादियों को चेताते हुए कहा कि उन्हें समय रहते सावधान हो जाना चाहिए.
Paramhans Acharya Warns Bangladesh: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों को लेकर तपस्वी छावनी मंदिर अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश में हो रहे इन हमलों पर हस्तक्षेप करना चाहिए और हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए.
आचार्य परमहंस ने कहा कि वहां हिन्दू बहन-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, जो असहनीय हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बांग्लादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे, तो वहां मुस्लिमों की स्थिति भी संकट में पड़ सकती है.
बांग्लादेश सरकार को दी चेतावनी
परमहंस आचार्य ने बांग्लादेश की सरकार, प्रधानमंत्री, अदालतों और आतंकवादियों को चेताते हुए कहा कि उन्हें समय रहते सावधान हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हम मानवतावादी हैं, लेकिन अगर वहां हिन्दुओं पर हो रहे हमले नहीं रुके तो इसका बदला लिया जाएगा."
उन्होंने कहा, "भारत सरकार को हस्तेक्षप करना चाहिए और हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए ,हिन्दू बहन बेटियों के साथ बलात्कार हो रहा है. अगर वहां हिन्दू नहीं बचेंगे तो मुस्लिम भी नहीं बचेंगे यह मैं बांग्लादेश की सरकार को चेताना चाहता हूं. यह चेतावनी है वहां का चाहे प्रधानमंत्री हो अदालतें हों या आतंकवादी ,जिहादी हो समय से चेत जाएं. हम मानवतावादी हैं लेकिन अगर वहां हिन्दुओं पर हो रहे हमले बंद नहीं हुए तो उसका बदला चुकाया जायेगा. अगर हिन्दू उत्पीड़न नहीं रुका तो बांग्लादेश को करारा जवाब दिया जाएगा. अगर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले नहीं रुके तो वहां भी तिरंगा झंडा लहराएगा."
भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा और उग्रवादी बयानबाजी पर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है.
पत्रकार पर भी हुआ हमला
दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मुन्नी साहा को भीड़ से घिरे हुए देखा जा सकता है. वीडियो में एक आवाज सुनाई देती है, जो उन्हें 2009 में बांग्लादेश राइफल्स विद्रोह से संबंधित गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाती है, जिसमें 57 लोग मारे गए थे. आरोप लगाते हुए कहा गया, "तुम इस देश को भारत का हिस्सा बनाने की हर संभव कोशिश कर रही हो. छात्रों के खून से तुम्हारे हाथ रंगे हुए हैं."
मुन्नी साहा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा, "मैंने इस देश को कैसे नुकसान पहुंचाया? यह भी मेरा देश है." मुन्नी साहा पहले एटीएन न्यूज़ की न्यूज़ हेड रह चुकी हैं. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद उन पर और कई अन्य पत्रकारों पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए गए थे.
ये भी पढ़ें:
जहां मुस्लिम पढ़ें नमाज, वो जमीन वक्फ की! बीजेपी का TMC पर निशाना, शेयर किया कल्याण बनर्जी का वीडियो