Pariksha Pe Charcha Live: ध्यान की अहमियत समझाते हुए पीएम मोदी बोले- वर्तमान में जीने की कोशिश कीजिए
Pariksha Pe Charcha 2022 Live: साल 2018 में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. 2022 में छात्रों के साथ पीएम मोदी की परीक्षा पे चर्चा के 5वें सीजन का थीम है- 'परीक्षा की बात, पीएम के साथ'.
पीएम मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम खत्म हो गया है. उन्होंने 5वीं बार छात्रों से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत चर्चा की.
बेटा-बेटी एक समान का संदेश देते हुए पीएम ने कहा कि दसवीं, बारहवीं की परीक्षा में लड़कियां बाजी मारती हैं. खेल, विज्ञान में लड़कियां आगे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर लड़कियों का दबदबा है. सुरक्षा क्षेत्र में भी लड़कियां आगे नजर आ रही हैं. पीएम ने कहा, एक समान अवसर में बेटा 19 करेगा तो बेटी 20!
पीएम मोदी ने कहा, आज समस्या ये है कि हम कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं, इसलिए अधिकार के लिए उसको लड़ना पड़ता है. हमारे देश में किसी को अपने अधिकारों के लिए लड़ना न पड़े ये हमारा कर्तव्य है और उसका उपाय भी हमारा कर्तव्यों का पालन है. उसका एक साधारण सा मार्ग है कर्तव्य पर बल देना. अगर मैं अपने कर्तव्यों का पालन करता हूं, तो मतलब है कि मैं किसी के अधिकार की रक्षा करता हूं. फिर उसको कभी अधिकार की मांग के लिए निकलना ही नहीं पड़ेगा.
पीएम मोदी ने कहा, आज हर परिवार के लिए बेटी बहुत बड़ी शक्ति बन गई हैं. ये बदलाव बहुत अच्छा है. ये बदलाव जितना ज्यादा होगा, उतना लाभ होगा. आज खेलकूल में भारत की बेटियां हर जगह पर अपना नाम रोशन कर रही हैं. विज्ञान के क्षेत्र में हमारी बेटियों का आज पराक्रम दिखता है. 10वीं, 12वीं में भी पास होने वालों में बेटियों की संख्या ज्यादा होती हैं.
प्रतियोगिता का महत्व बताते हुए पीएम ने कहा कि प्रतियोगिता जीवन की सबसे बड़ी सौगात है. इसके बिना जीवन में कोई मतलब नहीं. प्रतियोगिता को अवसर बनाना चाहिए. प्रयोग करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर रिस्क भी लेना चाहिए.
अलग-अलग परीक्षाओं के कारण होने वाली परेशानी को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा परीक्षा के लिए न पढ़ें. खुद को योग्य और शिक्षित बनाने के लिए पढ़ें. जैसे, खिलाड़ी खेल में पारंगत होता है चाहे जिस स्तर पर खेले.
ध्यान की अहमियत समझाते हुए पीएम ने कहा कि यह कोई बड़ा विज्ञान नहीं है न ही इसके लिए हिमालय जाने की जरूरत है. ध्यान बेहद सहज है, बस वर्तमान में जीने की कोशिश कीजिए. जो वर्तमान में जीता है उसके भविष्य पर सवाल नहीं उठते. इसका सीधा संबंध स्मरणशक्ति से. पीएम ने कहा कि मन स्थिर रखिए, स्मरण होना शुरू हो जाएगा.
पीएम मोदी ने जवाब दिया, 'हर बच्चे के मन में यह आता है कि मै यह भूल गया लेकिन अगर आप देखेंगे कि एग्जाम से पहले ऐसी चीज़ें आएगी की यह तो कभी हफ्ते भर में देखा नहीं था. अगर आप यहां आए लेकिन आप सोच रहे होंगे कि मम्मी घर पर टीवी देख रही होंगी और मुझे देखा होगा कि मैं किस कोने में बैठा हूं. तो अगर आपका ध्यान वहां है तो आप यहां है ही नहीं. परमात्मा की सबसे बड़ी सौगात 'वर्तमान' है. मेमोरी का भी यही कारण है कि हम उस पल को नहीं जी रहे है. मेमोरी का संबंध जीवन से है सिर्फ एग्जाम से नहीं. बहुत आसानी से आप इसको कर सकते है.. मन स्थिर रखिए.'
छात्रों से बोले पीएम मोदी, 'मोटिवेशन का इंजेक्शन नहीं होता.' जीवन का सबक देते हुए पीएम ने कहा कि खुद को जानें. ध्यान दें कि किन बातों से निराशा होती है? किन बातों से प्रेरित होते हैं? सहानुभूति लेने से बचें. इससे कमजोरी आएगी. अपने आसपास की चीजें पर गौर करें और सीखने की कोशिश करें. 2 साल के बच्चे से भी प्रेरणा ले सकते हैं. दिव्यांगों से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया है. खुद की परीक्षा लें और सबको को खुद में दुहराते रहें. इससे निराशा दस्तक नहीं देगी.
मुस्कुराते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप ने यह सवाल पेरेंट्स और टीचर्स के लिए किया है.. ताकि मैं यहां से उनको कुछ कह दूं. टीचर्स पहले परिवार से सम्पर्क करता था और टीचर्स परिवार के हर सदस्य को जानता था. अब बच्चा दिन भर क्या करता है पेरेंट्स को पता नहीं.. टीचर्स को अपने सिलेबस से मतलब होता है कि मेरा सेलेब्स पूरा हो जाए. जब तक हम बच्चे की रुचि, उनकी आकांशा को समझते नहीं है तो बच्चा कहीं न कहीं लड़खड़ाता है. मैं रोशनी के माध्यम से हर पेरेंट्स को कहना चाहता हूं कि बच्चे के परमात्मा ने किसी न किसी ताकत के साथ भेजा है.. दूरी वही बनती है इसलिए आप बच्चो को समझे. बच्चों को चाहिए कि प्रेशर के बाद भी आगे बढ़े.
नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने कहा, '2014 से ही हम नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के काम पर लगे थे. हिंदुस्तान के हर कोने में इस काम के लिए इस विषय पर brainstorming हुआ. देश के अच्छे विद्वान, जो लोग साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े थे, उसके नेतृत्व में इसकी चर्चा हुई. उससे जो ड्राफ्ट तैयार हुआ उसे फिर लोगों के बीच भेजा गया, उस पर 15-20 लाख इनपुट आए. इतने व्यापक प्रयास के बाद नई शिक्षा नीति आई है.'
पीएम ने आगे कहा, सरकार कुछ भी करे तो कहीं न कहीं से तो विरोध का स्वर उठता ही है. लेकिन मेरे लिए खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है. इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं. इसमें लाखों लोग शामिल हैं. इसे देश के नागरिकों, विद्यार्थियों, अध्यापकों ने बनाया है और देश के भविष्य के लिए बनाया है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि पहले खेल-कूद को अतिरिक्त गतिविधि माना जाता था अब यह शिक्षा का हिस्सा है. इससे खेल-कूद को नई प्रतिष्ठा मिली है. NEP पढ़ाई के बीच में भी विषय बदलने का मौका देती है, जिसका मौका पहले नहीं मिलता था.
चुटकी लेते हुए पीएम ने पूछा आप लोग ऑनलाइन पढ़ाई के समय पढ़ाई करते हैं या रील देखते हैं? बात ऑनलाइन-ऑफलाइन की नहीं है, एकाग्रता का है. पीएम ने कहा कि दिन भर में कुछ समय खुद के लिए भी निकालें, जब आप ऑनलाइन/ऑफलाइन की बजाय "इनरलाइन" हों. जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे. अगर इन चीजों को कर लेते हैं तो मुझे नहीं लगता कि ये सारे संकट आपके लिए कोई कठिनाई पैदा कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आप जो जानते हैं, उसमें आत्मविश्वास रखें और दूसरों की देखा-देखी करने की बजाय सहज तरीके से अपने रूटीन को जारी रखें. उत्सव भाव से परीक्षा में शामिल हों.
इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते है तो read करते है या reels देखते है. क्लास में भी बहुत बार होता होगा लेकिन काम में एक भी बात नहीं जाती होगी. आपका मन कहीं और होगा. अगर मन नहीं हो तो सुनना बंद हो जाता है. माध्यम समस्या नहीं है मन समस्या है. माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन लेकिन अगर मेरा मन उस तरफ जुड़ा हुआ है तो आपके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन कोई फर्क होता है. समय के हिसाब से माध्यम भी बदलते रहते है.'
इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'आपको डर क्यों लगता है क्या ये आपका पहला टेस्ट है परीक्षा हमारे जीवन का हिस्सा जब हम इतनी बार परीक्षा दे चुके है. इतनी बार परीक्षा देकर हम परीक्षा प्रूफ हो गए.. दूसरा आपके मन में जो तनाव होता है क्या ये तो नहीं है कि तैयारी में कमी है हो सकता है जितनी मेहनत चाहिए वो नहीं हुई होगी. मेरा आपसे आग्रह है पैनिक नहीं होना है. आप वो कुछ मत करिए जो आपने सुना है आप वो ही करिए जो आप करते हुए आए है. दबाव का वातावरण न पनपने दें.'
छात्रों से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं. पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं.'
पीएम मोदी की छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' शुरू हो गई है. तालकटोरा स्टेडियम में 1000 छात्र मौजूद हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है लेकिन कोरोना के समय में आप सबसे मिल नहीं पाया. मेरे लिए खुशी का कार्यक्रम है बहुत दिन आप लोगों से मिल पा रहा हूं. मुझे नहीं लगता है आप लोगों को परीक्षा का डर होगा. परीक्षा का डर आपके माता पिता को होगा ज्यादा लोग वही है जिनके माता पिता को बच्चों से ज्यादा टेंशन है.'
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संबोधन के साथ हुई. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'भारत दुनिया में वैक्सीन देने वाले देशों में पहले नंबर बन गया है. यही तो पीएम की दिशा निर्देश है सबका साथ सबका विकास. पढ़ाई तो हम सब करते हैं पढ़ाई के साथ जरूरी है आत्मविश्वास.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा के 5वें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बात करने तालकटोरा स्टेडियम पहुंच गए हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया.
बैकग्राउंड
Pariksha Pe Charcha 2022 Live Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की. यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया. यहां पीएम मोदी सीधे छात्रों के साथ संवाद किया. इस कार्यक्रम में पीएम एक टीचर की तरह छात्रों से बातचीत की और उनके सवालों का जवाब भी दिया.
बच्चों के साथ उनके अभिभावक और शिक्षक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. कोरोना महामारी के कारण पिछले साल यह कार्यक्रम ऑनलाइन तरीके से हुआ था. कोरोना महामारी के बाद इस साल पहले की तरह बोर्ड परीक्षा आयोजित किया गया. आमतौर पर 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी बच्चों को परीक्षा के दौरान तनाव से बचने, समय प्रबंधन के अलावा जीवन में सफलता के गुर बताते हैं.
हाल में ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी कि इस साल 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के लिए देश के सभी राजभवनों में खास तैयारी की जा रही है, जहां राज्यपाल के साथ बच्चे इसमें जुड़ेंगे. इसके साथ ही आईआईटी, आईआईएम जैसे केंद्र सरकार के संस्थानों में भी कार्यक्रम दिखाया जाएगा. विदेशों में भारतीय दूतावासों में भी इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा.
परीक्षा पे चर्चा 2022 कार्यक्रम का टीवी के दूरदर्शन, डीडी और स्वयंप्रधा चैनलों पूरे भारत में सीधा प्रसारण किया जा रहा है. यूट्यूब पर परीक्षा पे चर्चा लाइव देख सकते हैं.
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