Pariksha Pe Charcha: 'निर्णायक बनने की डालें आदत, कंफ्यूजन में रहने से बचें', परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने दिया छात्रों को मंत्र
Pariksha Pe Charcha Live Updates: 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में पीएम मोदी से प्रतिस्पर्धा से बचने के तरीके और किस तरह से दबाव मुक्त रहते हुए एग्जाम की तैयारी की जाए. इस संबंध में सवाल किए गए हैं.
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Pariksha Pe Charcha 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (29 जनवरी) को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हर साल की तरह ही इस साल भी एग्जाम का सीजन शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ बातचीत की. पीएम मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम सोमवार सुबह 11 बजे शुरू. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव को कम करने का मंत्र साझा किया. साथ ही इसमें शामिल छात्रों का मार्गदर्शन भी किया.
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये इस कार्यक्रम का सातवां संस्करण रहा. छात्र, अभिभावक और शिक्षकों के लिए परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को दूदर्शन पर लाइव स्ट्रीम किया गया. निजी चैनलों पर भी इस कार्यक्रम का प्रसारण किया गया. परीक्षा के चर्चा कार्यक्रम को रेडियो चैनल पर भी सुना जा सकता था. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसे सुना गया.
पीएम मोदी ने रविवार (28 जनवरी) को कहा था कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम शिक्षा और परीक्षा से जुड़े हुए मुद्दों को संबोधित करने के लिए बहुत अच्छा माध्यम बनकर उभरा है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में परीक्षा पे चर्चा को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस साल 2.25 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन किया है. हर साल कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है.
पीएम ने बताया कि 2018 में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई. उस समय इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों की संख्या महज 22 हजार थी. उन्होंने कहा कि वह इस कार्यक्रम का हमेशा इंतजार करते हैं. पीएम ने बताया कि इस साल परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का सातवां संस्करण होगा. उन्होंने लोगों से इस कार्यक्रम को देखने की अपील की और कहा कि लोगों से बात करके उन्हें भी अच्छा लगेगा.
टेक्नोलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल करें: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कहा कि मोबाइल ही नहीं, बल्कि किसी भी चीज का अति...किसी का भला नहीं करता. हर चीज के लिए एक मानदंड होना चाहिए, उसका एक आधार होता है. किसी भी चीज का कितना उपयोग करना चाहिए, इसका विवेक होना बहुत जरूरी है. टेक्नोलॉजी से हमें दूर नहीं भागना चाहिए, बल्कि उसका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए.
'निर्णायक बनने की डालें आदत'-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमें आदत डाली चाहिए कि हम निर्णायक बनें. कंफ्यूजन में नहीं रहना चाहिए. अगर कोई कंफ्यूजन है तो हमें उस पर बात करनी चाहिए और उसका समाधान करके आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि कंफ्यूजन किसी भी स्तर का हो, वो बुरा ही होता है. अनिर्णय तो और भी बुरा है.
एग्जाम हॉल टेंशन से कैसे बचें? पीएम मोदी ने दिया जवाब
एग्जाम हॉल में जाने के दौरान होने वाले तनाव से बचने का सुझाव देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स को उत्साह के साथ बच्चे को एग्जाम हॉल में जाने देना चाहिए. एग्जाम हॉल में हमेशा आप जल्दी जाने की कोशिश करें. एग्जाम हॉल में गहरा सांस लीजिए और खुद में खोने की कोशिश की जाए. अब आपके हाथ में पेपर आएगा तो आपको तनाव महसूस नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमेशा क्वेश्वन पेपर को पढ़ लीजिए और उन्हें हल करने का समय तय कर लीजिए. छात्रों को हमेशा सवालों को लिखकर प्रैक्टिस करनी चाहिए.
'सिलेबस से आगे निकलकर छात्रों संग बनाएं नाता'- पीएम मोदी
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से सवाल हुआ कि छात्रों को प्रेरित करने में शिक्षकों की क्या भूमिका होनी चाहिए और छात्रों को किस तरह से तनावमुक्त रखना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी टीचर और छात्र के बीच परीक्षा को लेकर सिर्फ नाता नहीं होना चाहिए, अगर ऐसा है तो उसे ठीक करने की जरूरत है. स्टूडेंट और टीचर का नाता पहले दिन से ही निरंतर बढ़ते रहना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी.
उन्होंने कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए. शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है. उन्होंने कहा कि टीचर्स को सिलेबस से आगे बढ़कर छात्रों से संग रिश्ता बनाना चाहिए.
दोस्तों से द्वेष करने की जरूरत नहीं: पीएम मोदी
दोस्तों के साथ होने वाली प्रतिस्पर्धा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है. आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है. उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है. अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.