Parkash Singh Badal Passes Away: शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार (25 अप्रैल) को निधन हो गया. देश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक प्रकाश सिंह पंजाब की सियासत में बरगद के पेड़ के तौर पर मशहूर थे. हालांकि, पिछले कई चुनावों में उनकी राजनीति पर पकड़ कमजोर हो गई थी.
दरअसल,वो श्री मुक्तसर साहिब जिले के लांबी विधानसभा सीट से 2022 के चुनाव में हार गए थे. ये सीट उनके परिवार की पारंपरिक सीट रही है.इसके साथ ही उनकी सियासत में 25 साल की बादशाहत को आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुदियांने ब्रेक लगा दिया था.
बादल के खिलाफ 2017 में थी चुनाव लड़ने की चाह
बता दें कि गुरमीत सिंह खुदियां पहले कांग्रेस में थे, जो 2017 के विधानसभा चुनाव में भी प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया. लांबी सीट से कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह को टिकट दिया, हालांकि वो चुनाव हार गए थे.
पेशे से एक किसान हैं खुदियां
गुरमीत सिंह खुदियां पेशे से एक किसान हैं. उनके पिता जगदेव सिंह खुदियां साल 1989 में अकाली दल के सिमरनजीत सिंह मान गुट से फरीदकोट से सांसद थे. बाद में उनके पिता की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बता दें कि 2022 के पंजाब चुनाव में खुदियां को 66,313 वोट मिले थे, जबकि प्रकाश सिंह बादल को महज 54,917 वोट ही मिले थे.
पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का निधन 95 साल की उम्र में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में हुआ. उन्होंने मंगलवार की रात 8.30 बजे आखिरी सांस ली. उन्हें सोमवार (24 अप्रैल) को आईसीयू में भर्ती किया गया था.यहां डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थे.
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