All Party Meeting: संसद के बजट सत्र से पहले सोमवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इसमें विपक्षी दलों ने अडानी ग्रुप, जाति आधारित गणना और महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का मुद्दा उठाया. वहीं, सरकार ने कहा कि वह संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है और सदन सुचारू रूप से चलाने में सहयोग चाहती है.


दो भागों में होने वाला संसद का बजट सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और कर्नाटक में चुनाव सिर पर है. मंगलवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. सत्र से पहले सोमवार को सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से अगर कोई संकेत है तो इस सत्र में हंगामा होना तय है. 


पांच मुद्दों पर चर्चा की मांग
सर्वदलीय बैठक में मुख्य रूप से विपक्षी पार्टियों ने पांच मुद्दों पर चर्चा की मांग की है, इनमें सबसे प्रमुख संघीय व्यवस्था और अडानी ग्रुप का मामला शामिल है. टीएमसी और टीआरएस ने मोदी सरकार पर संघीय व्यवस्था को चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए चर्चा की मांग की जिसका बाकी दलों ने भी समर्थन किया.


शिवसेना-राजद ने मांग का समर्थन किया
सर्वदलीय बैठक में अडानी समूह की कम्पनियों पर आई एक अमरीकी रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में मचे बवाल का मामला भी उठा. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर चर्चा की जोरदार मांग की. शिवसेना और राजद ने भी मांग का समर्थन किया. 


बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर चर्चा की मांग
बैठक में जाति आधारित जनगणना, महिला आरक्षण विधेयक, अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए गए. इसके अलावा गुजरात दंगे पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भी टीएमसी और अन्य दलों ने सरकार से चर्चा की मांग की. बता दें कि परंपरा के मुताबिक इस सत्र की शुरुआत मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा.


राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद मंगलवार को ही मोदी सरकार इस साल (2022-23 )  का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी. सत्र के पहले भाग का सबसे बड़ा आकर्षण 1 फरवरी को पेश होने वाला आम बजट होगा जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. सरकार का कहना है कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा करने और विपक्ष के सवालों का जवाब देने को तैयार है. बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक जबकि दूसरा भाग 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.

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