Parliament Budget Session: विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने संसद में सत्ती प्रथा की तारीफ की है. इसे लेकर सांसद सुप्रिया सुले और डीएमके नेता कनिमोझी समेत कई सांसदों ने विरोध किया. 


विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सांसद सीपी जोशी ने संसद में सती प्रथा को ग्लोरिफाई किया. दरअसल जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सती शब्द का इस्तेमाल किया. इसी को लेकर संसद में कई नेताओं ने नारेबाजी की. इस कारण मंगलवार (7 फरवरी) को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. 
 
'कैसे भूल सकते हैं'
डीएमके नेता ए राजा ने कहा कि बीजेपी सांसद सीपी जोशी का सती प्रथा को लेकर ऐसा बयान देना समाज के खिलाफ है. सांसद कनिमोझी ने कहा कि यह बहुत ही शर्म की बात है. हम जब देश के इतिहास की बात करते हैं तो महानता, आर्ट और मंदिरों की बात करते हैं, लेकिन हम इतिहास में महिलाओं को आग में जलाने कैसे भूल सकते हैं. हमें संसद में ऐसी टिप्पणी सुननी पड़ रही है. 


सीपी जोशी ने क्या कहा? 
बीजेपी सांसद जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करने पर मेवाड़ की रानी पद्मावती का संदर्भ दिया था, जिन्होंने आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी से अपने सम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लिया था. उन्होंने कहा, ''इस दौरान अनुवाद में गलती होने के कारण 'सतिवा' सती में बदल गया. मैं अपने बयान पर कायम हूं.'' बता दें कि विपक्षी एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी, दयानिधि मारन, कांग्रेस के मुरलीधरन और एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने दावा किया कि जोशी ने सती प्रथा को महिमामंडित किया. 


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