'कम अक्ल, आलसी होते हैं भारतीय, ऐसा सोचते थे नेहरू और इंदिरा गांधी', पीएम मोदी ने दोनों का लाल किले पर दिया भाषण पढ़कर सुनाया
PM Modi In Parliament: बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस पार्टी रही. साथ ही उन्होंने परिवारवाद को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट किया.
Parliament Budget Session 2024: संसद का बजट सत्र चल रहा है और सोमवार (05 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर जोरदार हमला किया. पीएम मोदी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लोगों को नीचा दिखाया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सोच भी ऐसी ही थी.
इस दौरान उन्होंने दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की ओर से लाल किले पर से जो भाषण दिया गया था उसे भी पढ़कर सुनाया. जिसके बाद सदन में विपक्षी दल हंगामा करने लगे. पीएम मोदी ने भाषण पढ़ते हुए कहा, “पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ऐसा सोचते थे कि भारत के लोग कम अक्ल और आलसी होते हैं.”
पीएम मोदी ने क्या कहा?
लाल किले पर दिए भाषण के कुछ अंश पढ़ते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस की जो मानसिकता है उससे बहुत नुकसान हुआ है. कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया. वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता जनार्दन को कमतर और छोटा आंकते रहे. देश के नागरिकों के लिए कैसा सोचते थे वो लोग. मैं जानता हूं कि जब नाम लूंगा को उन लोगों को चुभन होगी.”
उन्होंने आगे कहा, “15 अगस्त लाल किले से प्रधानमंत्री नेहरू ने जो कहा था वो मैं जरा पढ़ता हूं. उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है, हम इतना काम नहीं करते जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, चीन वाले, अमेरिका वाले या रूस वाले करते हैं. ये नेहरू जी लाल किले से बोल रहे हैं. ये न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गईं, वो मेहनत से हुई हैं और अक्ल से हुई हैं.”
'भारतीयों को नीचा दिखाने का सर्टिफिकेट बांटा'
पीएम मोदी ने कहा कि ये उन लोगों को वो सर्टिफिकेट दे रहे हैं भारत के लोगों को नीचा दिखाने के लिए. पीएम मोदी ने जवाहल लाल नेहरू के इस भाषण पर कहा कि इसका मतलब ये है कि उनकी सोच थी कि भारतीय आलसी हैं. उनकी भारतीयों के लिए सोच थी कि वो कम अक्ल के लोग हैं.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की सोच भी इससे ज्यादा अलग नहीं थी. उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त को लाल किले से ये कहा था कि दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मत्रुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नउम्मीद हो जाते हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय की भावना को अपना लिया है.”
'आज भी ये सोच दिखती है'
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही परिवार के लोग, मेरे देश के लोगों को ऐसा ही समझते थे. आज भी वही सोच देखने को मिलती है. कांग्रेस का विश्वास हमेशा सिर्फ एक परिवार पर रहा है. एक परिवार के आगे न कुछ सोच सकते हैं, न कुछ देख सकते हैं.’’
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