Criminal Procedure Id Bill: लोकसभा में आज Criminal Procedure ( Identification ) Bill पेश हो गया है. बिल में किसी सज़ायाफ्ता या आरोपी व्यक्ति की पहचान के लिए उसके जैविक सैम्पल, फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट और अन्य तरह के सैम्पल लिए जाने का प्रावधान किया गया है. इस तरह से इकट्ठा किए गए सैम्पल का रिकॉर्ड 75 सालों तक संजो कर रखा जा सकेगा. लोगों के मूल अधिकारों के हनन को आधार बनाकर समूचे विपक्ष की ओर से इस बिल को पेश करने का जबरदस्त विरोध किया गया. 


गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने सरकार की ओर से बिल पेश किया. बिल में क्या प्रावधान किए गए हैं. जानिए.



  • किसी सज़ायाफ्ता या किसी अपराध के आरोप में गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति के शरीर का नाप लिया जा सकेगा.

  • नाप में व्यक्ति का फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, आंखों की आयरिश का नमूना, उसकी तस्वीर, जैविक सैम्पल जैसे खून का नमूना, उसके हस्ताक्षर आदि शामिल होंगे.

  • मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ये नमूने लिए जा सकेंगे.

  • किसी पुलिस स्टेशन का थानाध्यक्ष या हेड कॉन्स्टेबल और जेल के हेड वार्डर से ऊपर रैंक का पुलिस अफ़सर नमूना ले सकेगा.

  • नमूने से हासिल हुए आंकड़ों या डेटा को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की होगी.

  • 75 सालों तक इन आंकड़ों को सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिसके बाद इसे खत्म कर दिया जाएगा.

  • हालांकि सज़ा पूरी होने या कोर्ट से बरी होने की स्थिति में डेटा को पहले भी ख़त्म किया जा सकेगा.

  • नया बिल  1920 के Identification of Prisoners Act को ख़त्म कर नया क़ानून बनाने के लिए लाया गया है.


अपराध की जांच और उसे रोकने की दृष्टि से प्रावधान बेहद ज़रूरी


सरकार का कहना है कि अपराध की जांच और उसे रोकने की दृष्टि से बिल में किए गए प्रावधान बेहद ज़रूरी हैं. हालांकि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी जैसे ही बिल को पेश करने उठे, कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष ने बिल का कड़ा विरोध किया. सभी विपक्षी नेताओं का आरोप था कि बिल संविधान में लोगों को दिए गए मूल अधिकारों और प्राइवेसी के अधिकार के ख़िलाफ़ है. उन्होंने ये भी आशंका जताई कि जैविक सैम्पल लेने के बहाने सरकार डीएनए सैम्पल इकठ्ठा करने की कोशिश करेगी जो क़ानून के ख़िलाफ़ है.


बिल पेश करने के पक्ष में 120 वोट पड़े


बिल पेश करने का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने सदन में वोटिंग की मांग की, जिसमें बिल पेश करने के पक्ष में 120 वोट पड़े जबकि बिल पेश करने के विरोध में 58. इसके पहले जब अजय मिश्रा टेनी विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर टोका टोकी की. इसपर टेनी ने कहा कि अगर उनपर कोई भी मुकदमा होगा तो वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे.


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