कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में बुधवार को मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर मनरेगा को कमजोर करने का आरोप लगाया. बिना पीएम मोदी का नाम लिए उन्होंने कहा, MGNREGA, जिसका कुछ लोगों ने कुछ साल पहले मजाक उड़ाया था, उसने कोविड-19 और लॉकडाउन में करोड़ों गरीब परिवारों को समय से सहायता दी और सरकार को बचाने में भी अहम भूमिका निभाई. फिर भी मनरेगा के बजट में लगातार कटौतियां हो रही हैं.
सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, इससे वक्त पर भुगतान और नौकरियों की कानूनी गारंटी कमजोर हो रही है. बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है तब भी मनरेगा का बजट 2020 की तुलना में इस साल 35% कम है. बजट में कटौती के कारण श्रमिकों के भुगतान में देरी हो रही है, सुप्रीम कोर्ट ने इसे मजबूर श्रम कहा है.
दूसरी ओर, राज्यसभा में गुरुवार को 72 सदस्यों को विदाई दी गई. राज्यसभा में 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे इन सदस्यों का कार्यकाल मार्च से जुलाई के बीच पूरा होने जा रहा है.
रिटायर हो रहे सदस्यों में कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमण्यम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं.
रिटायर हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी शामिल हैं. मनोनीत सदस्यों एम सी मैरीकॉम, स्वपन दासगुप्ता और नरेंद्र जाधव का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्यसभा से रिटायर हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को लिखकर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित करें. उन्होंने रिटायर हो रहे सांसदों के लिए राज्यसभा में दिए गए अपने विदाई भाषण में कहा कि जो सदस्य रिटायर हो रहे हैं, उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है.
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