Parliament Election Cost: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र कहे जाने वाले भारत में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते ही रहते हैं. अब जबकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं तो कुछ महीनो के अंदर ही लोकसभा चुनाव का बिगुल बज सकता है. केंद्र सरकार ने भी इसके लिए तैयारियां पूरी करनी शुरू कर दी है. चुनाव की तैयारियों, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 3,147.92 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी है. इससे चुनावों पर कुल प्रस्तावित खर्च 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुल 1.29 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के लिए 2023-2024 के लिए अनुदान का पहला प्रस्ताव 6 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया. उसमें से कानून मंत्रालय को चुनाव संबंधी खर्चों के लिए 3,147.92 करोड़ रुपये और चुनाव आयोग को प्रशासनिक खर्चों के लिए 73.67 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया था.
कितनी राशि ईवीएम की खरीद के लिए?
कानून मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग के अनुसार, सरकार ने चुनाव-संबंधित व्यय के लिए 2,536.65 करोड़ रुपये, और आगामी चुनाव के लिए खरीदी गई ईवीएम के परीक्षण और रख-रखाव के लिए 36.20 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है. नई ईवीएम की खरीद” के लिए 575.07 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है. संसद की ओर से अगर इस अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव स्वीकार होता है तो लोकसभा चुनावों पर कुल प्रस्तावित खर्च 5,331.7 रुपये हो जाएगा.
दो EVM निर्माताओं को ऑर्डर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 से अक्टूबर 2023 तक, चुनाव आयोग ने दो ईवीएम निर्माताओं-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन को कुल 13.26 लाख बैलट पेपर, 9.09 लाख ईवीएम और 8.92 लाख वीवीपीएटी के लिए दो ऑर्डर दिए थे.
हर साल बढ़ता जा रहा है लोकसभा चुनाव पर खर्च
आपको बता दें कि हर साल चुनाव पर खर्च बढ़ता ही जा रहा है . प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो और चुनाव आयोग की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही खर्च के बारे में इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 1952 के चुनाव में प्रति वोटर 60 पैसा खर्च आया था, जो 2009 में 20 गुना बढ़कर 12 रुपये हो गया. 2014 में यही खर्च प्रति वोटर बढ़कर 42 रुपये हो गया. इसके पहले संपन्न हुए 2019 के लोक सभा चुनाव में 6500 करोड़ रुपये के खर्च का दावा किया जाता है जो प्रति व्यक्ति 72 रुपये है.
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