Adani Row: क्या आज संसद में थम जाएगा अडानी के मुद्दे पर संग्राम? विपक्ष ने दिया पॉजिटिव सिग्नल
Adani-Hindenburg Research Row: अडानी मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष केंद्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. 2 फरवरी से इस मुद्दे पर बवाल जारी है.
Adani Group Row: अडानी मामले (Adani Case) पर बीते एक हफ्ते से लोकसभा और राज्यसभा में गतिरोध जारी है. आज (7 फरवरी) इस विवाद के खत्म होने की संभावना जताई जा रही है. सोमवार को सरकार और विपक्ष के सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए कि दोनों पक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार हैं. हालांकि अभी भी विपक्ष की कुछ पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के मूड में हैं.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और टीएमसी (Congress-TMC) जैसी बड़ी पार्टियां इस बात के पक्ष में हैं कि अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में बात रखकर अडानी मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की जाए. चर्चा प्रश्नकाल के तुरंत बाद शुरू होने की संभावना है. आज करीब 10 घंटे चर्चा के लिए आवंटित किए. अगर सदन सुचारु रुप से चला तो बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा का जवाब देंगे.
क्या चाहती है TMC?
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी एक ट्वीट किया है. ट्वीट में डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने लिखा कि बीजेपी डर गई है और संसद में चर्चा से भाग रही है. मोदी सरकार को 6 फरवरी से घेरने का अच्छा मौका है, जब संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा होगी. इस पर नजर बनाकर रखिए, अगर कोई विपक्षी पार्टी संसद में मुश्किलें पैदा करती है, इसका मतलब वो बीजेपी से मिला हुआ है. वहीं तृणमूल कांग्रेस संसद में चर्चा चाहती है न कि व्यवधान.
विपक्ष कर रहा हंगामा
अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी शार्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सड़क से लेकर संसद (Parliament) तक सरकार पर हमलावर है. बीते दिन हंगामे के कारण एक बार फिर से दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी.
विपक्ष की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अडानी मामले की जांच कराए जाए. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग ले और जो भी मुद्दे उठाना चाहता है उसको उठाएं. सरकार जवाब देने के लिए तैयार है.
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