Monsoon Session 2023: गुरुवार (20 जुलाई) को शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान सुचारू कामकाज को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार (19 जुलाई) को सर्वदलीय बैठक की. 


बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. मीटिंग में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल सहित कई नेताओं ने भी भाग लिया. 


इस मीटिंग के दौरान कांग्रेस, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) सहित विभिन्न पार्टियों ने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की मांग की. 


कांग्रेस क्या बोली?
कांग्रेस ने सर्वदलीय मीटिंग में सरकार से मणिपुर की स्थिति, ओडिशा रेल हादसे और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की. पार्टी ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि हमने बैठक में मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो.  चौधरी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को हमारे दिल की बात सुननी चाहिए. 


उन्होंने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है, अगर सरकार संसद में कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और बात रखने का मौका देना चाहिए. चौधरी ने कहा कि हम दिल्ली इसलिए आए हैं कि सदन में चर्चा करें और जनता के मुद्दों को उठाएं. 


आप क्या बोली?
आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''सर्वदलीय बैठक में मोदी सरकार से दिल्ली के काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का फैसला 8 दिन कैसे बदल दिया गया? आखिर अध्यादेश के जरिए संविधान संशोधन कैसे किया जा सकता है? ज्यादातर दलों ने मोदी सरकार के काले अध्यादेश का विरोध किया.'' 


पीटीआई के मुताबिक, संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए शामिल किया गया है. इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है. यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा. 


बीजेडी, वाईएसआरसीपी और बीआरएस ने क्या कहा?
बीजेडी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा कहा कि उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करके इसे पास कराने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने को कहा है. 


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और तेलंगाना के सीएम बीआरएस ने भी महिला आरक्षण की वकालत की. 


समाजवादी पार्टी क्या बोली?
समाजवादी पार्टी (SP) के नेता एसटी हसन ने बैठक के बाद बताया कि हमने समान नागरिक संहिता पर चर्चा की मांग की. यूनिफॉर्म सिविल कोड का पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी चीफ अखिलेश यादव भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसका लक्ष्य समाज को बांटना है. 


एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने क्या मांग की?
सर्वदलीय मीटिंग के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना गुट के नेता ने समान नागरिक संहिता का मामला उठाते हुए मांग की कि इसे इसी मानसून सत्र में लाया जाए. 


सरकार ने क्या कहा?
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं. जोशी ने बताया कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है क्योंकि सभी विपक्षी दलों ने मीटिंग में इसकी मांग की है. 


बता दें कि संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं. इस मीटिंग में सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं. मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं. 


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