Parliament Monsoon Session 2023: उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश बसंल ने शुक्रवार (28 जुलाई) को एक चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि संविधान से इंडिया शब्द को हटा दिया जाए क्योंकि ये गुलामी का प्रतीक है.  


उन्होंने कहा, ''पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के नाम संबोधन में कहा था कि दासता के प्रतीक चिह्नों से देश को मुक्ति दिलाना जरूरी है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में आजादी के अमृतकाल के लिए बनाए अपने पांच प्रणों में से एक औपनिवेशिक माइंडसेट से देश को मुक्त कराने का भी जिक्र किया था.''


बंसल ने आगे कहा, ''विगत नौ सालों में पीएम मोदी ने अनेक कदम उठाए हैं. उन्होंने कई मौके पर औपनिवेशिक विरासत और प्रतीक चिह्नों को हटाने की जगह परंपरागत भारतीय मूल्यों को अपनाने की वकालत की है. अंग्रेजों ने देश का नाम बदलकर इंडिया कर दिया. भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के कारण 1947 में देश आजाद हुआ और 1950 में संविधान मिला. इसमें 'INDIA That Is Bharat' लिख दिया गया, लेकिन हमारे देश का नाम हजारों साल से भारत रहा. भारत ही लिखा जाए. भारत देश का वास्तविक नाम है. देश का अंग्रेजी नाम इंडिया शब्द गुलामी की निशानी है.'' 


नरेश बसंल ने ये बयान कैसे समय दिया?
बसंल ने ये बात ऐसे समय पर बोली है जब विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) पर लगातार हमला किया जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'इंडिया' की तुलना इंडियन मुजाहिदीन से कर दी थी.


विपक्षी गठबंधनों का 'इंडिया' नाम रखे जाने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इसे गुलामी का प्रतीक बताया था. इसके जवाब में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल कह रहे हैं कि बीजेपी लोकसभा चुनाव हारेगी. 


नरेश बंसल ने क्या कहा?
नरेश बंसल ने कहा कि देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए है. ऐसे में आजादी के अमृतकाल में संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर  'INDIA That Is Bharat' हटाकर भारत रखा जाए. 


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