संसद में मणिपुर-दिल्ली सर्विस बिल पर एकजुट रहा विपक्ष, कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री बोले- भारत माता शब्द नहीं निकाला | बड़ी बातें
Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ था. सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर खूब हंगामा हुआ. विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आया जो ध्वनिमत से गिर गया.
Parliament Monsoon Session News: संसद का मानसून सत्र शुक्रवार (11 अगस्त) को खत्म हो गया. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. 20 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहा. मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर दोनों सदनों में कई बार कार्यवाही स्थगित की गई. दिल्ली सेवा बिल (Delhi Ordinance Bill) पर जोरदार बहस के साथ हंगामा हुआ तो विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आया. आपको बताते हैं कि मानसून सत्र की बड़ी बातें.
मानसून सत्र शुरू होने से पहले मणिपुर की एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें भीड़ ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया था. इस वीडियो के सामने आने के बाद संसद में हंगामे के आसार थे और वैसा हुआ भी. मणिपुर हिंसा को लेकर एकजुट हुए विपक्ष ने संसद में केंद्र सरकार को घेर लिया. विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा और पीएम मोदी के बयान की मांग की.
मणिपुर हिंसा पर हुआ जोरदार हंगामा
मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष की मांग को लेकर मानसून सत्र का ज्यादातर हिस्सा बाधित रहा. सरकार ने कहा कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर अमित शाह जवाब देंगे. हालांकि विपक्ष पीएम मोदी के बयान की मांग करता रहा. मणिपुर में बीती तीन मई को मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में जातीय हिंसा भड़की थी. जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
नूंह हिंसा का मुद्दा भी गूंजा
हरियाणा के नूंह जिले में हुई हिंसा का मुद्दा भी सदन में गूंजा. विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में नूंह हिंसा पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था. नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़की थी. बाद में ये हिंसा गुरुग्राम तक फैल गई थी. इसमें दो होम गॉर्ड के जवान समेत छह लोगों की मौत हुई थी.
दिल्ली सेवा बिल हुआ पास
मानसून सत्र में दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक भी पेश किया गया. ये बिल लोकसभा में 3 अगस्त को पारित किया गया. लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है इसलिए वहां से बिल को पारित कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई. बीजेपी के सामने बिल को राज्यसभा में पास कराने की चुनौती थी. हालांकि, सरकार को वहां भी कामयाबी मिली और ये बिल 7 अगस्त को राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हो गया.
राज्यसभा में बिल के पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के अलावा विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी सहयोगी दलों ने बिल का विरोध किया. राज्यसभा में बिल पास होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे भारत के लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया और कहा कि ये कानून दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देगा.
विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिस पर 8 से लेकर 10 अगस्त तक चर्चा हुई. कांग्रेस के गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत की थी. जिसमें राहुल गांधी, अमित शाह, स्मृति ईरानी, अन्य प्रमुख सांसदों ने भाग लिया. 10 अगस्त को पीएम मोदी ने प्रस्ताव पर जवाब दिया. सदन से विपक्ष के वॉकआउट के कारण अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया.
अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी का जवाब
अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला और 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत का दावा किया. पीएम ने कहा कि मैंने 2018 में कहा था कि ये 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का टेस्ट नहीं है, बल्कि ये विपक्ष का टेस्ट है. देश की जनता को हमारी सरकार पर भरोसा है. एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर बड़ी जीत के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी. 2028 में विपक्ष फिर से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा.
मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री का बयान
पीएम ने इस दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाई और मणिपुर हिंसा पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें ये सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल की जाएगी. मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों को बताना चाहता हूं कि देश आपके साथ है. उन्होंने सदन के सांसदों से मणिपुर मुद्दे का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया.
राहुल गांधी की संसद में वापसी
संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी वापसी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को 4 अगस्त को बड़ी राहत देते हुए उनको मोदी सरनेम मामले में मिली सजा पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल हो गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 7 अगस्त को उन्हें संसद में शामिल होने की अनुमति दी. जिसके बाद राहुल गांधी सदन में आए. राहुल गांधी ने संसद में दिए अपने भाषण में केंद्र पर जोरदार हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है.
विपक्षी सांसदों ने काला कपड़ा पहनकर किया प्रदर्शन
विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसद मणिपुर मुद्दे पर विरोध जताने के लिए 27 जुलाई को संसद में काले कपड़े पहनकर पहुंचे. विपक्षी सांसदों ने परिसर में प्रदर्शन भी किया था. कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने कहा था कि काले कपड़े पहनने के पीछे विचार ये है कि देश में अंधेरा है तो हमारे कपड़ों में भी अंधेरा होना चाहिए. वहीं राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा था कि जिनका मन और तन काला है उनके दिल में क्या छुपा है. इनका वर्तमान, भूत और भविष्य काला है, लेकिन हमें उम्मीद है कि उनकी जिंदगी में भी रोशनी आएगी.
आप के तीन और कांग्रेस के एक सांसद को किया निलंबित
मानसून सत्र में आम आदमी पार्टी के तीन और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड किया गया. आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू को निलंबन का सामना करना पड़ा. दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़ी चर्चा के दौरान सांसद रिंकू ने लोकसभा स्पीकर के आसन के पास आकर बिल की कॉपी फाड़कर फेंक दी थी. संजय सिंह मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के दौरान सभापति की कुर्सी के पास तक आ गए थे और जोर-जोर से बोल रहे थे. जिसके बाद सभापति ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
राघव चड्ढा को नियमों के उल्लंघन, अवमाननापूर्ण आचरण, विशेषाधिकार समिति की लंबित रिपोर्ट के लिए राज्यसभा से निलंबित किया गया. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान पीए मोदी पर टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को निलंबित किया गया था.
कितने बिल पास हुए और कितने पेश हुए?
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को मानसून सत्र में हुआ कामकाज की जानकारी देते हुए बताया कि 23 दिनों तक चले सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें हुईं. लोकसभा में कुल 20 बिल पेश किए गए और 5 बिल राज्यसभा में पेश किए गए. लोकसभा में कुल 22 विधेयक पारित हुए, राज्यसभा में 25 विधेयक और दोनों सदनों में कुल 23 विधेयक पारित हुए. तीन बिल को राज्यसभा स्टेंडिंग कमेटी को भेजा गया.
प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ठीक तरह से देखा नहीं है. भारत माता शब्द नहीं निकाला है. जो असंसदीय है वही निकाला है. पीएम मोदी के कारण इन लोगों को भारत माता की जय बोलना पड़ रहा है, ये अच्छी बात है वरना पहले नहीं बोलते थे. राहुल गांधी ने कहा था कि अब संसद में भारत माता भी नहीं बोल सकते.
डिजिटल पर्सनल डेटा बिल पर हंगामा
लोकसभा के बाद राज्यसभा में 'डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023' ध्वनि मत से पारित हुआ. इस बिल में ऑनलाइन प्लेटफार्मों की तरफ से व्यक्तियों के डेटा के दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान हैं. इस विधेयक में नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा करने का भी प्रावधान है, साथ ही जुर्माने का भी प्रस्ताव है. किसी भी व्यक्ति के डिजिटल डेटा का दुरुपयोग करने या उसकी सुरक्षा करने में विफल रहने पर संस्थाओं पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस बिल का कई विपक्षी सांसदों ने विरोध किया.
वन संरक्षण बिल पर भी हंगामा
मानसून सत्र में वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 भी पारित किया गया. वन संरक्षण कानून में संशोधन को कांग्रेस ने आदिवासी-वनवासी विरोधी बताया है. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने दो अगस्त को पारित किया था और चार अगस्त को उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. इस बिल का उद्देश्य कुछ वन भूमि को कानूनी सुरक्षा से छूट देना है.
सीजेआई को हटाने वाला सीईसी की नियुक्ति पर बिल
केंद्र ने गुरुवार को राज्यसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन से संबंधित एक बिल पेश किया. इस विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए पैनल में भारत के चीफ जस्टिस की जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान है. प्रधानमंत्री की ओर से सभापति, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को नामित किया जाएगा. जो सीईसी और ईसी का चयन करेंगे. अगर लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है तो सदन में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता को नेता प्रतिपक्ष माना जाएगा.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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