Monsoon Session Live: सदन में रणनीति पर चर्चा के लिए इकट्ठे हुए I.N.D.I.A के सांसद, 2 बजे तक स्थगित हुई लोकसभा
Parliament Monsoon Session Live: संसद में आज यानी बुधवार (2 अगस्त) को दिल्ली सर्विस विधेयक पर चर्चा की जाएगी. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान आज हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में अनुशासन बहाल होने तक लोकसभा अध्यक्ष की चेयर पर बैठने से इंकार कर दिया. उन्होंने अपने इस फैसले से पक्ष विपक्ष को भी अवगत करा दिया है. बताया जा रहा है कि लोकसभा में मंगलवार (1 अगस्त) की घटना से स्पीकर ओम बिरला नाराज हैं. अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए ओम बिरला संसद भवन में होते हुए भी सदन में नहीं बैठे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पक्ष-विपक्ष के सदस्यों से अपनी नाराजगी जाहिर की है. स्पीकर बिरला ने कहा उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है, और सदन में मर्यादा कायम करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.
दिल्ली सर्विस बिल पर आज सदन में चर्चा होनी थी लेकिन विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा पर पीएम के बयान को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा से पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज देश के संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. राज्यसभा में यह बिल गिर जायेगा. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक आज बीजेपी के साथ खडें है और लोग उनको देख रहे हैं. उन्होंने कहा जब यह बिल आयेगा तो बिल गिर जायेगा.
मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर संसद में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और मनोज झा, नसीर हुसैन ने मणिपुर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज के निलंबन का नोटिस दिया.
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में हो रही हिंसा का मुद्दा सदन में उठाने की मांग की है. आप ने नियम 176 के तहत शार्ट डिस्कशन की मांग की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूपी के सांसदों के साथ बैठक करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आज यूपी के काशी और अवध क्षेत्र के NDA सांसदों के साथ बैठक की जाएगी. क्लस्टर-3 की बैठक में रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद और गृह मंत्री अमित शाह भी होंगे. इसकी मेजबानी मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल और चंदौली के सांसद महेंद्र पांडेय करेंगे.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बुधवार (2 अगस्त) को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करने के लिए विचार और पारित करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 को राज्यसभा में पेश किया.
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भारत सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार चाहती है कि मणिपुर पर चर्चा हो और अब वे (विपक्ष) नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं. इससे पहले भी पूर्वोत्तर में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो चुकी हैं.
उस समय गृह मंत्री वहां गये भी नहीं थे. कोई चर्चा नहीं हुई. यदि कोई चर्चा हुई तो राज्य मंत्री ने उत्तर दिया, लेकिन इस बार हमारे गृह मंत्री कह रहे हैं कि वह चर्चा चाहते हैं और जवाब देना चाहते हैं.
समस्या यह है कि पीएम मोदी के सत्ता में आने के 9 साल बाद भी वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि लोगों ने उन्हें यह फैसला सुनाया है. गांधी परिवार को लगता है कि पीएम की कुर्सी पर बैठना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है
दिल्ली सर्विस विधेयक को मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया था. इसके अलावा इस बिल पर आज काफी हंगामा होने की भी उम्मीद है. इससे पहले भी विपक्ष देश के उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संसद में लगातार पीएम मोदी के बयान के मांग को लेकर हंगामा कर रहा है. जिस वजह से संसद में अभी तक का कामकाज लगातार प्रभावित रहा है.
अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े दिल्ली सेवा बिल पर लोकसभा में आज चर्चा होगी, BJP ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है.
बैकग्राउंड
Parliament Monsoon Session 2023 Live: बीते महीने 20 जुलाई को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का आज 10वां दिन है. आज संसद में दिल्ली सर्विस विधेयक पर चर्चा की जाएगी. इस चर्चा में शामिल होने के लिए बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा है.
विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया गया, जिसमें उपराज्यपाल को शहर सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ती पर अंतिम अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है.
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने विधेयक को संसद में अब तक पेश किया गया सबसे 'अलोकतांत्रिक' कागज का टुकड़ा करार दिया और दावा किया कि यह लोकतंत्र को 'बाबूशाही' में बदल देगा. दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव पी.के.त्रिपाठी ने विधेयक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि शासन के मामलों में स्पष्टता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर नौकरशाही के बीच आधिकारिक कमान को लेकर कोई भ्रम हुआ तो शासन को नुकसान होगा.
उन्होंने कहा कि स्पष्टता का अभाव शासन में बाधा डालता है. पूर्व शीर्ष नौकरशाह ने कहा कि उनको लगता है कि एक मुख्यमंत्री का नौकरशाही पर नियंत्रण होना चाहिए अन्यथा वह शासन और विकास संबंधी कार्यों को लागू नहीं कर पाएंगे. त्रिपाठी ने कहा, हालांकि, तथ्य यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास कभी भी नौकरशाही पर अधिकार नहीं रहा. ऐसा इसलिए है क्योंकि दिल्ली अब भी केंद्र शासित प्रदेश है.
दिल्ली सरकार में सेवारत एक नौकरशाह ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली देश की राजधानी है और प्रशासनिक सेवाओं पर अंतिम नियंत्रण केंद्र सरकार का होना चाहिए. नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जैसी जगह के लिए यह जरूरी है कि नियंत्रण केंद्र के पास हो क्योंकि स्थानांतरित विषयों के माध्यम से भी कोई तंत्र को तहस-नहस कर सकता है.'
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