Monsoon Session Live: राज्यसभा की कार्यवाही फिर स्थगित, सभापति बोले- सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार, क्या विपक्ष तैयार है?
Parliament Monsoon Session Live: मणिपुर और दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आज भी संसद में हंगामा हो रहा है. विपक्ष राष्ट्रपति से मिलकर मणिपुर पर रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. चेयरमैन ने कहा है कि आज जब मणिपुर पर चर्चा का वक्त है तब भी इस तरह का हंगामा हो रहा है.
इसके बाद कार्यवाही 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा, विपक्ष रोज मणिपुर पर चर्चा की बात करता है लेकिन रोज भागता है. आज हमने दो बजे चर्चा के लिए कहा था और विपक्ष के लोगों ने भी चर्चा की मांग की थी, लेकिन विपक्ष के रुख को आपने देखा कि वो चर्चा से भाग रहे हैं.
वहीं एजीपी सांसद वीरेंद्र कुमार ने कहा, नॉर्थ ईस्ट के बीजेपी सांसद होने के नाते हम मांग कर रहे हैं कि आप मणिपुर के मामले पर चर्चा कीजिए, लेकिन वो चर्चा से भाग रहे हैं. मणिपुर मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, हम मणिपुर के मामले पर चर्चा के लिए अभी तैयार है, ये एक गंभीर मामला है.
विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी गई है. राज्सयभा की कार्यवाही 2:30 बजे तक के लिए स्थगित हुई है.
राज्यसभा में मणिपुर पर चर्चा के लिए 176 का नोटिस मिला है जिसको स्वीकार कर लिया गया है. सभापति ने कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार, क्या विपक्ष तैयार है?
दिल्ली का ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित बिल दोपहर 2 बजे लोकसभा में पेश हो सकता है. फिलहाल अमित शाह वरिष्ठ मंत्रियो के साथ अपने कमरे में बैठक कर रहे हैं.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा, मनोज झा, अमरेंद्र धारी सिंह, प्रमोद तिवारी, इमाम प्रतापगढ़ी, संदीप पाठक, राजीव शुक्ला, के केशव राव, वद्दीराजू रवि चंद्रा, जोगिनापल्ली संतोष कुमार, रंजीत कुमार ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्य निलंबन नोटिस दिया.
TMC सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा, मणिपुर बहुत गंभीर मुद्दा है, प्रधानमंत्री क्यों नहीं आ सकते? हम सभी मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं. हम मणिपुर मुद्दे पर इमरजेंसी रूल के तहत चर्चा चाहते हैं.
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक राज्यसभा में बिल गिर जाएगा. साथ ही संजय सिंह इस बिल को असंवैधानिक भी करार दिया. कई सांसदों ने बिल को पेश करने पर भी आपत्ति दर्ज की. उनका कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव के रहते बिल आना भी असंवैधानिक है.
मणिपुर पर जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. वहीं राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन में जोरदार हंगामा हो रहा है. इस बीच सरकार ने आज ही लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग की है. सरकार ने कहा- विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. दोपहर दो बजे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
संसद की आज की कार्यवाही शुरू हो गई. विपक्षी सांसद लोकसभा में जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है.
मणिपुर मुद्दे पर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा, 'यह लोग मणिपुर के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं जबकि इनको राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बंगाल नहीं नजर आता. देश के प्रधानमंत्री गृह मंत्री और रक्षा मंत्री मणिपुर मुद्दे पर लगातार बात कर रहे हैं और बयान दे रहे हैं. विपक्ष नहीं तय करेगा कि प्रधानमंत्री कब बोलेंगे कब नहीं. यह सब सिर्फ इस वजह से साथ आ रहे हैं क्योंकि सब भ्रष्टाचार में लिप्त है और सबको डर यह है कि मोदी सरकार जो वापसी कर रही है. यह सब सिर्फ इस वजह से साथ आ रहे हैं क्योंकि सब भ्रष्टाचार में लिप्त है. सबको डर यह है कि मोदी सरकार जो वापसी कर रही है वह इन सब को जेल भेजेगी.'
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, दिल्ली अध्यादेश विधेयक जब आएगा तब आपको बताएंगे. आज व्यवसायों की सूची में इसका उल्लेख नहीं है तो आज बिल नहीं आएगा. 10 कार्य दिवस के अंदर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.
लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी नेताओं के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा, हम लोग तो सांसदों का प्रतिनिधिमंडल लेकर मणिपुर गए थे. प्रधानमंत्री भी अपने घटक दलों के सांसदों को लेकर जाएं और फिर आकर हमसे टक्कर ले. इसलिए तो हम लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब अविश्वास प्रस्ताव लंबित है तो सबसे पहले चर्चा उस पर होनी चाहिए. दिल्ली वाले बिल पर भी चर्चा हो जाएगी लेकिन पहले अविश्वास प्रस्ताव पर हो. फिलहाल अभी बीएसी की बैठक के बारे में हमको कोई जानकारी नहीं मिली है.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि फिलहाल दिल्ली से जुड़ा ऑर्डिनेंस का बिल आज संसद नहीं पेश किया जाएगा.
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा की मांग की. हमने जब स्वीकार कर लिया है अब वह बदल गए और वह विश्वास प्रस्ताव लेकर आए. विपक्ष सिर्फ जिद पकड़ कर बैठा है. मामले का समाधान निकाला जाना चाहिए. मणिपुर पर विपक्ष राजनीति कर रहा है. आज जो बिजनेस में लगा हुआ वही बिल आएगा.
मणिपुर से लौटा 21 सांसदों वाला प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट विपक्षी संगठन को देने के लिए संसद भवन पहुंच गया है.
आज संसद सत्र शुरू होने से पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष से मणिपुर पर चर्चा करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, विपक्ष मणिपुर पर चर्चा करें. विपक्ष अशांति फैलाने का काम कर रही है. पहले मणिपुर में हिंसा होती थी तो कांग्रेस के प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते थे.
दिल्ली अध्यादेश पर आज लोकसभा में बिल पेश किया जा सकता है. दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश जारी हुआ था.
मणिपुर में जायजा लेने गई INDIA गठबंधन के सांसदों की टीम आज राष्ट्रपति से मुलाकात करेगी. ये सांसद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
संसद में आज विपक्षी दलों की बैठक होगी. इस दौरान विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग और अविश्वास प्रस्ताव पर रणनीति बनाएगा.
आज लोकसभा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होनी है. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख का ऐलान हो सकता है.
21 विपक्षी सांसद दो दिन के मणिपुर दौरे से लौट आए हैं. सभी सांसदों ने मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लिया था. ये सभी आज संसद में जानकारी देंगे.
बैकग्राउंड
Parliament Monsoon Session 2023 Live: मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर 20 जुलाई से शुरू हुए संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामे के भेंट चढ़ चुका है. दो दिन की छुट्टी के बाद फिर आज फिर सदन की कार्यवाही शुरू हो रही है. दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित संशोधन विधेयक पर मोदी कैबिनेट पहले ही मुहर लगा चुकी है. खबरों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह संसद में दिल्ली सेवा बिल पेश कर सकते हैं. सांसदों को बिल सर्कुलेट भी कर दिया गया है.
जबकि दूसरी तरफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का विरोध कर रही है. ऐसे में ससंद के दोनों सदनों में एक बार फिर हंगामे के आसार हैं. ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने लोकसभा में ये बिल पेश किया तो 'INDIA' गठबंधन के लिए ये एक लिटमस टेस्ट साबित हो जाएगा. आम आदमी पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि इस बिल को हर हाल में पारित होने से रोका जाए.
हालांकि 19 मई को जो अध्यादेश लाया गया था उसकी तुलना में अब बिल में कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं. केंद्र सरकार ने बिल लाने से पहले सेक्शन 3A और 45D में अहम बदलाव किए हैं. धारा 3A जो अध्यादेश का हिस्सा थी, उसे प्रस्तावित विधेयक से पूरी तरह हटा दिया गया है.
लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास बहुमत है लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता और दूसरे विपक्षी सांसदों की मदद से राज्यसभा में इसे रोकने की कोशिश में हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -