Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश बिल लोकसभा में पास, अरविंद केजरीवाल बोले- आगे से पीएम मोदी की बात पर विश्वास मत करना
Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश बिल पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि ये बिल पास होने के बाद ये गठबंधन (INDIA) टूटने वाला है, अरविंद केजरीवाल इसको बाय-बाय कर देंगे.
लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पास होने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. 2014 में नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि प्रधानमंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया. आगे से पीएम मोदी की किसी बात पे विश्वास मत करना."
आज संसद की कार्यवाही हंगामेदार रही. आम आदमी पार्टी के सांसद रिंकू ने कागज फाड़कर चेयर की तरफ फेंका. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सुशील कुमार रिंकू को सस्पेंड करना चाहिए क्योंकि उन्होंने चेयर का अपमान किया है. सुशील कुमार को इसके बाद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हो गया है.
अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा, "ये बिल पास होने के बाद वैसे भी आपका गठबंधन टूट जाने वाला है. केजरीवाल आपको बाय-बाय कर देंगे."
मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष को घेरते हुए शाह ने कहा, "सिर्फ चुनावों के लिए 130 करोड़ की जनता के सामने खुद को इतना एक्सपोज़ मत होने दीजिए. हर बिल आता है तो विपक्ष कहता है नहीं. मणिपुर पर चर्चा करने कि लिए कहा जाए तो विपक्ष कहता है नहीं. विपक्ष कहता है हम केवल विरोध करेंगे, लेकिन जैसे ही गठबंधन टूटने वाला बिल आया तो मणिपुर भी याद नहीं आया. लोकतंत्र भी याद नहीं आया. दंगे भी याद नहीं आए. ये सभी लोग जनता को केवल ये बता रहे हैं कि हमें मणिपुर की चिंता नहीं है केवल चुनाव की चिंता है."
अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) पर निशाना साधते हुए कहा, " विपक्ष को ये मालूम होना चाहिए कि वह जब एक उंगली हमारी तरफ करता है तो तीन उंगली आपकी तरफ होती हैं. आप केवल गठबंधन को बढ़ाना चाहते हैं. आपके मन में ऐसी कल्पना है कि गठबंधन बढ़ा करेंगे तो शायद पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव जीत जाएंगे और दो-तीन लोगों को लेकर आ जाओ. जितने हो सकें उतने लोगों को शामिल करो. अगले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे."
अमित शाह ने कहा, "दिल्ली की कार्यप्रणाली और सेवा प्रणाली केंद्र सरकार के अधीन होनी चाहिए. संविधान में संशोधन के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री ने भी अपने बयान में ये बात कही थी. उन्होंने कहा था, "बालकृष्ण समिति ने पूरे विश्व की राजधानियों की कार्यप्रणाली और सेवा प्रणाली का अध्ययन करके ये फैसला किया है, जिसका हम पालन कर रहे हैं और उस वक्त गृह मंत्री कांग्रेस के थे."
लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पर चर्चा का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारे लोग (विपक्षी पार्टी के सांसद) राज्य के अधिकार की बात कर रहे हैं, ये (दिल्ली) तो राज्य ही नहीं है. दिल्ली संघीय क्षेत्र है. राजधानी क्षेत्र है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार (4 अगस्त) तक के लिए स्थगित कर दी गई है. आज भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा देखने को मिला.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा, "आज लोक सभा में अमित शाह को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना. बिल का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर-उधर की फालतू बातें कर रहे थे. वो भी जानते हैं वो गलत कर रहे हैं. ये बिल दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा."
दिल्ली बिल के विरोध में बोलते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता देख रही है 2024 में जनता आपका भी फैसला कर देगी.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 आज लोकसभा में पेश किया गया. इसपर अमित शाह ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ नहीं है. वहीं. अब इसपर आप सासंद संजय सिंह का कहना है कि ''यह बिल असंवैधानिक है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है.''
आप सांसद सुशील गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली सरकार पर निशाना साधने वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार अपने आप में एक अनूठी मिसाल है, जिसने सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार किया है और इसे विश्व स्तरीय बनाया है. जनता के लिए चिकित्सा उपचार, पानी और बिजली मुफ्त कर दी गई है. सीएम अरविंद केजरीवाल के काम की दुनिया भर में सराहना हो रही है."
अमित शाह ने एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "विपक्ष के गठबंधन बनाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही है, जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का अधिकार संसद को है. आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और डॉ. अंबेडकर जैसे नेताओं ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हम अमित शाह को नेहरू और कांग्रेस की प्रशंसा करते हुए देख रहे हैं. मैं आश्चर्यचकित हूं क्या यह दिन है या रात? मैं उनके मुंह में 'घी, शक्कर' डालना चाहता हूं." इसपर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा, ''मैंने नेहरू की तारीफ नहीं की है, बस वही बताया है जो उन्होंने कहा है.''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में काबिज हुई, जिसका केवल एक ही मकसद लड़ना. इस पार्टी ने कभी जनता की सेवा नहीं की. इस पार्टी ने केवल अपने बारे में सोचा. बिल्डिंग के बंगले बनाने के बारे में सोचा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार और पारित करने के लिए विधेयक को पटल पर रखा. उन्होंने कहा, संविधान में ऐसे प्रावधान हैं जो केंद्र को दिल्ली के लिए कानून बनाने की अनुमति देते हैं. विपक्ष ने बिल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बताया लेकिन ऐसा नहीं है.
लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा शुरू हो गई है. अमित शाह ने कहा, दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, हमें कानून बनाने का पूरा अधिकार है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. राज्यसभा सभापति ने कहा- हमें इतनी कोशिश कर ली लेकिन फिर भी मणिपुर मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पा रही.
लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटक्शन बिल पेश करने की तैयारी है. विपक्ष विरोध कर रहा है. AIMIM चीफ ओवैसी भी विरोध कर रहे हैं.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सभापति से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष से लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का अनुरोध करें. चौधरी कहते हैं, 'वह हमारे संरक्षक हैं.' सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह चौधरी का संदेश विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचाएंगे.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन से नाराज हैं. दरअसल आज सदन में डेरेक ने बिना किसी विचार विमर्श के कह दिया कि किसी भी तरह हम बस चर्चा चाहते हैं. विपक्षी सूत्रों का कहना है कि सदन में पीएम की मौजूदगी और नियम 267 के तहत चर्चा की मांग से पीछे नहीं हटना चाहिए. अगर डेरेक को अपनी राय जाहिर करनी थी तो पहले आपस में चर्चा करनी चाहिए थी.
LoP मल्लिकार्जुन खरगे 'मणिपुर बहस पर विपक्ष की मांग पर सभापति प्रधानमंत्री का बचाव क्यों कर रहे हैं' के सवाल के जवाब पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'मुझे पीएम का बचाव करने की जरूरत नहीं है. मुझे किसी का बचाव करने की जरूरत नहीं है. मुझे संविधान...आपके अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है. LoP की ओर से इस तरह की टिप्पणी बहुत अच्छी नहीं है.'
राज्यसभा के सभापति ने मणिपुर पर चर्चा के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिए सदन के नेताओं को 1 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ''मेरा सुझाव है कि सदन को तब तक के लिए स्थगित कर देना चाहिए.''
मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा पर जोर दे रहे नेता विपक्ष खरगे ने कहा कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने सभापति से कहा कल शायद आप गुस्सा हो गए थे. इस पर धनखड़ ने कहा, मैं 45 सालों से शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता. वकील के तौर पर भी हमें गुस्सा करने का अधिकार नहीं.
जवाब में खरगे ने कहा, आप भले जाहिर न करें लेकिन अंदर से गुस्सा करते हैं. इसके बाद खरगे ने आरोप लगाते कहा, आप पीएम का बचाव कर रहे हैं!
धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा, पीएम को किसी बचाव की जरूरत नहीं है. उनकी वैश्विक पहचान है. सोचिए कि अमेरिकी सांसद में उनका संबोधन सुनकर देश के आम लोगों को कितना गर्व होता है. 30 सालों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है.
राज्यसभा के चेयरमैन ने कहा, विपक्ष देश के पीएम की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है. ऐसी कोई राजनीति नहीं हो सकती जो अपने देश के पीएम की छवि को ही धूमिल करे. लोग ऐसे कैसे सोच या बोल सकते हैं देश के पीएम के खिलाफ.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पक्ष -विपक्ष के सभी नेताओं ने मुलाकात कर उन्हें सदन की जिम्मेदारी संभालने के लिए निवेदन किया है. सभी विपक्ष के नेताओं ने एक सुर में सदन को मर्यादा और चेयर का सम्मान करने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी से सदन की करवाई सुचारू रूप से चलाने के लिया कहा. सूत्रों के मुताबिक दोपहर दो बजे से लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगे और सदन की करवाई का संचालन करेंगे.
आम आदमी पार्टी हरियाणा हिंसा का मुद्दा राज्यसभा में उठाएगी. AAP के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने सदन में नोटिस दिया है. सुशील गुप्ता ने हरियाणा हिंसा पर विशेष चर्चा की मांग की है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया.
लोकसभा में आज दिल्ली सेवा बिल पर बहस होगी. गृह मंत्री अमित शाह बिल पर चर्चा के लिए संसद में मौजूद रहेंगे.
बैकग्राउंड
Parliament Session Updates: दिल्ली सेवा बिल मंगलवार (2 अगस्त) को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. लोकसभा में आज दिल्ली सर्विसेज बिल पर चर्चा होगी. मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था बिल. सभी विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही है. हालांकि विपक्षी दल खासकर आम आदमी पार्टी इस बिल के विरोध में है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं क्या सरकार इस बिल को राज्यसभा से पास करा पाएगी. संसद में फिर हंगामे का आसार हैं.
संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर भी गतिरोध बरकरार है. प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग पर विपक्ष अड़ा हुआ है. इसके अलावा दिल्ली वाले बिल पर टकराव हो सकता है. अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े बिल पर लोकसभा में पर चर्चा होनी है जिसको लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर हमलावर है तो वहीं आज सुबह 10 बजे विपक्षी नेताओं की मीटिंग भी है. बीजेपी ने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और आज सभी सांसदों से संदन में मौजूद रहने को कहा है.
लोकसभा में 543 सांसदों में से सरकार के पास 353 सांसद हैं. विपक्ष के साथ 153 सांसदों का समर्थन है. राज्यसभा में बहुमत के लिए 120 का आंकड़ा है और सरकार के साथ 120 सांसद हैं. वहीं विपक्ष के साथ 106 सांसद हैं, 12 सांसद तटस्थ हैं. 12 सांसदों को विपक्ष के साथ जोड़ भी दें तो ये नाकाफी होगा. लिहाजा संसद में बिल पास कराने में सरकार को कई दिक्कत नहीं आने वाली है.
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