Parliament Monsoon Session: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, मणिपुर की घटना पर सदन में हंगामा
Parliament Monsoon Session 2023 Live: मणिपुर में हिंसा को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. कांग्रेस समेत विपक्ष पीएम मोदी से संसद में बयान की मांग कर रहा है.
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री को घटना पर माफी मांगनी चाहिए. तिवारी ने मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की भी मांग की.
राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा, विपक्ष मन बनाकर आया है कि सदन चलने नहीं देना है. जब सरकार ने कह दिया कि मणिपुर की घटना पर चर्चा करने को तैयार हैं, उसके बावजूद विपक्ष का सदन को चलने न देना ठीक नहीं है. ये कार्यवाही को रोकना चाहते हैं. मणिपुर पर हम भी चर्चा करने चाहते हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा करना नहीं चाहता है.
हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई. अब दो बजे कार्यवाही शुरू होगी.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में मणिपुर की घटना पर जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने पीएम मोदी से संसद के अंदर बयान की मांग की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मणिपुर में मानवता मर गई है.
संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं की बैठक हुई. इसमें विपक्षी दलों ने मणिपुर की घटना पर संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग की.
संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं की बैठक हुई. इसमें विपक्षी दलों ने मणिपुर की घटना पर संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग की गई.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस विषय (मणिपुर) पर चर्चा होगी और कोई ना कोई (सरकार की तरफ से) जवाब देगा. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, कल ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी. उस बैठक में उनकी(विपक्ष) मांग मणिपुर पर चर्चा की आई थी. बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि चर्चा के लिए सरकार तैयार है. स्पीकर और राज्यसभा के अध्यक्ष चर्चा के लिए समय और तारीख तय करें.
पीएम मोदी ने कहा, मेरा मन क्रोध से भरा हुआ है. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति और सख्ती से कदम उठाएगा. मणिपुर की बेटियों के साथ जो कुछ हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.
मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर घुमाए जाने की घटना पर पीएम ने कहा, मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है. गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें. खासतौर पर हमारी मातओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं.
संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सावन का पवित्र मास चल रहा है. इस बार तो डबल सावन है. इसलिए सावन की अवधि भी थोड़ी ज्यादा है. सावन मास पवित्र कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है. आज जब लोकतंत्र के मंदिर में सावन के पवित्र मास में मिल रहे हैं. लोकतंत्र का मंदिर ऐसे पवित्र कार्य करने के लिए इससे बढ़िया अवसर नहीं हो सकता है. पीएम ने कहा, विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे. संसद की जो जिम्मेवारी है और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी है, ऐसे अनेक कानूनों का बनाना, उस पर विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है. चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं.
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और सीपीआईएम सांसद इलामारम करीम ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन का नोटिस दिया.
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हिंसा पर ट्वीट कर लिखा, मणिपुर से चौंकाने वाले दृश्य - कुत्सित, अपमानजनक और पूरी तरह से अमानवीय व्यवहार! इस स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है. आइए अपनी आवाज उठाएं और जवाबदेही की मांग करें. ऐसे अत्याचारों के सामने चुप्पी अस्वीकार्य है.
मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस ने सुबह 9 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को सांसद रंजीत रंजन और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा संबोधित करेंगी.
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मणिपुर हिंसा के मामले में नियम 267 के तहत मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए संसद में नोटिस दिया.
कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर ने "मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष" पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर को लेकर काफी हंगामा होने के आसार हैं. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की है.
संसद का मानसून सत्र आज 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा. मानसून सत्र के दौरान 17 दिन कामकाज होगा.
बैकग्राउंड
Monsoon Session Live: संसद का मानसून सत्र आज गुरुवार यानि 20 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सदन में कुल 17 दिनों काम होगा. सत्र शुरू होने के पहले बुधवार (19 जुलाई) को केंद्र ने सर्वदलीय बैठक की. बैठक में सरकारी की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए. विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया.
मीटिंग के दौरान कांग्रेस, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल सहित विभिन्न पार्टियों ने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की मांग की.
कांग्रेस ने सर्वदलीय मीटिंग में सरकार से मणिपुर की स्थिति, ओडिशा रेल हादसे और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की. पार्टी ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हमने बैठक में मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो.
संसद के 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति और दिल्ली सेवा अध्यादेश जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है. मानसून सत्र का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब इसी मंगलवार (18 जुलाई) को 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन किया है ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनौती दी जा सके.
संसद के इस सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा और सरकार एवं विपक्ष के बीच इस पर तकरार होने के आसार हैं. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था.
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आप नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिये कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे.’
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