Parliament Monsoon Session Update: लोकसभा और राज्यसभा स्थगित, कल सुबह 11 बजे फिर शुरू होगी कार्यवाही
Parliament Monsoon Session Live Updates: संसद सत्र की शुरुआत से ही इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार कुछ बड़े कानूनों में सुधार कर सकती है. वक्फ कानून उनमें से एक है.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है. कार्यवाही कल यानि शुक्रवार, 8 अगस्त, 2024 को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगी.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "यह विधेयक जल्दबाजी में पेश किया गया है. यह हिंदू-मुस्लिम तर्क करने, (विधानसभा) चुनावों में इसका लाभ उठाने के लिए उनका राजनीतिक टूलकिट बन गया है. हालांकि, यह महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में काम नहीं करेगा."
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "यह विधेयक वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए पेश किया गया है. मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या यह पहली बार है जब वक्फ अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है? मुझे लगता है कि इससे उनके वोट बैंक पर असर पड़ेगा. वे लोगों को गुमराह करना चाहते हैं."
टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "स्थायी समिति अभी तैयार नहीं है, इसलिए विधेयक को जेपीसी को भेज दिया गया है. हम यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि इस समिति का अध्यक्ष कौन होगा. यह विपक्ष की पहली जीत है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "सरकार समझती थी कि विधेयक पारित करना मुश्किल होगा क्योंकि कई लोगों की राय है कि भले ही बीजेपी यह दिखा रही है कि वह अल्पसंख्यकों के लिए काम कर रही है, लेकिन उनके पास मुस्लिम समुदाय से शीर्ष पदों पर एक भी सांसद या नेता नहीं है. सब कुछ देखने से यह स्पष्ट था कि सरकार इसे पारित नहीं करवा पाएगी. यह अच्छा है कि उन्होंने इस पर विचार करने के लिए जेपीसी बनाने का फैसला किया है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह धर्म से जुड़ा है. वक्फ एक संस्था है जो संपत्तियों और उनसे मिलने वाले राजस्व का प्रबंधन करती है. इसे धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. किरण रिजिजू ने विपक्ष के सभी सवालों का बड़ी ही स्पष्टता से जवाब दिया. विपक्ष हर चीज का विरोध करता है. अगर 1995 में वक्फ बोर्ड संशोधन के दौरान हुई गलतियों को सुधारा जाना चाहिए तो यह अच्छी बात है. यह मुस्लिम विरोधी नहीं है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, "सरकार इसे संसद में पेश करके पारित कराना चाहती है. विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया. हमने कहा कि इससे जनभावनाएं आहत होंगी. वक्फ का गठन संवैधानिक अधिकारों के तहत हुआ है, आप इसे खारिज नहीं कर सकते. हमने स्थायी समिति या जेपीसी की मांग की थी. विपक्ष की आपत्ति के कारण एनडीए ने इसे जेपीसी के पास भेज दिया. हमारी आपत्ति के कारण ऐसा हुआ, नहीं तो वे इसे आज ही पारित कर देते."
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भारतीय सूफी फाउंडेशन की अध्यक्ष कशिश वारसी ने कहा, "इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजा गया है. यह एक नई पहल है और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं और उन्हें पेश किया जाना चाहिए. जहां तक शरीयत का सवाल है, इसका शरीयत से कोई लेना-देना नहीं है. मैं यह जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि कट्टरपंथी आज वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित कर रहे हैं, वे सूफीवाद के दुश्मन हैं. संपत्तियों को उनसे मुक्त किया जाना चाहिए, सूफियों की एक समिति गठित की जानी चाहिए. दूसरी बात, दरगाह और मजार गरीबों को भोजन कराने के लिए हैं, न कि अपनी जेब भरने के लिए. मजारों पर कट्टरपंथियों का नियंत्रण है, वे अपनी जेबें भर रहे हैं. इस विधेयक पर अच्छी बहस होनी चाहिए और इसे पारित किया जाना चाहिए."
राज्यसभा में सरकार 2014 में लाये गए "वक्फ संपत्तियों (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014" को वापस ले रही है.
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "इसमें (वक्फ बोर्ड) महिलाओं का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, लेकिन अब उन्हें प्रतिनिधित्व मिलेगा. वोट बैंक की राजनीति के कारण विपक्ष विरोध करेगा."
केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "विपक्ष जानबूझकर ऐसा कर रहा है और यह उसकी वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है. यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के विकास में मदद करेगा. इसे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) को भी भेजा गया है और सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है."
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह विधेयक केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से पेश किया गया. यह विधेयक (वक्फ बोर्ड में) महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा. यह विधेयक उन लोगों के लिए समस्या पैदा करेगा जो वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण करते थे और उसे बेचते थे."
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "प्रधानमंत्री को बहुत-बहुत बधाई. तथ्य रखे गए और विधेयक पर सर्वसम्मति थी. सरकार ने स्वेच्छा से इसे जेपीसी को भेजने का फैसला किया. यह एक विचारशील सरकार है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को जेपीसी के पास भेजे जाने पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा, "विधेयक को जेपीसी के पास भेजा गया है. शायद सरकार के पास विपक्ष के पूछे गए सवालों के जवाब नहीं थे और इसीलिए इसे समिति के पास भेजा गया है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, "केंद्रीय मंत्री (किरेन रिजिजू) ने सदन को पूरी तरह से गुमराह किया है. उनकी ओर से पूरी तरह से असत्य और भ्रामक बयान दिए गए हैं. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन यह संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास जा रहा है, आइए वहां लड़ें."
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कहा, "भारत एक 'धार्मिक' राष्ट्र है और यह विधेयक एक धर्म की आस्था से जुड़ा है. इसलिए सरकार को इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए. हालांकि, यह महाराष्ट्र और हरियाणा में उनकी (भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की) सरकारों को बचाने का एक कदम है."
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा, "मुझे समझ में नहीं आता कि वे लगातार मुस्लिम समुदाय को परेशान करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं, उन पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं, यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे श्रेष्ठ हैं. यह कवायद जमीन हड़पने की कवायद लगती है. मूल रूप से, इस सरकार ने लोगों के लिए कुछ भी अच्छा नहीं किया है, बल्कि अल्पसंख्यकों से बदला लेने की कोशिश कर रही है."
हिमाचल प्रदेश की सांसद कंगना रनौत ने कहा, "पूरा देश इस विधेयक के पेश होने का इंतजार कर रहा था, इसलिए हमने इसे आज पेश किया है."
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "यह बिल सरकार की मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों को पुरस्कृत करने के आधार पर लाया गया है. यह कहना ठीक है कि इसे जेपीसी के पास भेजा गया है, लेकिन यह कोई ऐसी सफलता नहीं है."
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा में पहले पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए. मायावती ने एक्स पर कई पोस्ट में कहा, "मस्जिदों, मदरसों और वक्फ के मामलों में केंद्र और यूपी सरकार का जबरदस्त हस्तक्षेप और मंदिरों और मठों जैसे धार्मिक मामलों में अत्यधिक रुचि लेना संविधान और उसके धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है. क्या ऐसी संकीर्ण और स्वार्थी राजनीति जरूरी है? सरकार को अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करना चाहिए."
दिल्ली राज्य हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने कहा, "यह संशोधन पारदर्शी, जवाबदेह और समान प्रतिनिधित्व की दिशा में एक प्रभावशाली कानून बनाने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है. इस संशोधन के तहत मुस्लिम समुदाय के सभी वर्गों की भागीदारी का प्रावधान किया गया है. 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण मांग, समय की जरूरत, महिलाओं को शामिल करना है तो विपक्ष की समस्या क्या है? क्या वे महिला विरोधी हैं? दूसरी बात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. वक्फ संपत्तियों की निष्पक्ष पहचान होनी चाहिए. अगर कोई विवाद है तो उसका कानूनी समाधान होना चाहिए तो समस्या क्या है? मुझे लगता है कि इस संशोधन से वक्फ बोर्ड जिम्मेदार और जवाबदेह होगा. मुझे लगता है कि इससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी. यह विधेयक महत्वपूर्ण है."
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "सांसदों को किसी भी धर्म से जोड़ना सही नहीं है. हम यह नहीं कह रहे हैं कि विभिन्न धर्मों के लोगों को वक्फ बोर्ड का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. हम यह कह रहे हैं कि एक सांसद को (वक्फ बोर्ड का) सदस्य होना चाहिए. अब, अगर सांसद हिंदू या ईसाई है, तो हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? अब, अगर किसी सांसद को उसके सांसद होने के आधार पर वक्फ बोर्ड में जोड़ा जाता है तो क्या हमें सांसद का धर्म बदल देना चाहिए?"
किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ, जिसमें बलूचिस्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं. ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है. इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए. इसको लेकर अमित शाह ने कहा कि 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है. हम इसे पेपर से निकाल रहे हैं. इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए.
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए. इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा. असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की. स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है. ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं.
वक्फ बिल अब अधिकारिक तौर पर पेश हो गया. रिजिजू ने कहा कि अगर किसी कमेटी में जाना है तो एक विशेष कमेटी का गठन हो. जेपीसी बनाने की बात कही. अब पुराने बिल को खत्म करने वाला बिल रखा.
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर कब्जा करना चाहती है. इसकी वैल्यू 1.2 लाख करोड़. ये कह रहे हैं कि मुस्लिम और नॉन मुस्लिम मेम्बर इस बोर्ड में रहेंगे. इस बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेम्बर नहीं रहना चाहिए. मैं इस बिल का विरोध करता हूं.
संसद सदस्यों की मांग पर किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्षी सांसद और अधिक चर्चा करना चाहते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं. हम किसी भी चीज से भागने वाले नहीं हैं क्योंकि हम कुछ गलत नहीं कर रहे.
किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पास होने के बाद जितने केस पेंडिंग पड़े हैं उसका नतीजा तय होगा और समयबद्ध कार्रवाई की जाएगी.
किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल में जो टाइटल है, उसको हमने बदला है. 2013 में जो बदलाव किया गया था उसमें कोई भी वक्फ घोषित कर सकता था लेकिन हमने बदलाव करके सिर्फ मुसलमानों को ये अधिकार दिया है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मुस्लिमों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. मुझसे मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है. बोहरा, अहमदिया समुदाय की संख्या कम है तो क्या उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाएगा. क्या अगर उनकी संख्या कम है तो उनकी बात नहीं सुनी जानी चाहिए. अगर एक समुदाय छोटे-छोटे समुदाय को कुचल देगी तो हम इस सदन में बैठकर कैसे देखेंगे. विपक्ष सिर्फ चंद लोगों की आवाज उठा रहा है. देश में जितना भी वक्फ बोर्ड है, उस पर माफिया लोगों का कब्जा हो गया है.
कर्नाटक राज्य में 2012 में अल्पसंख्यक कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि वक्फ बोर्ड ने हजारों एकड़ जमीन कमर्शियल लैंड में कन्वर्ट कर दिया. ये लोग मनमानी कर रहे हैं. कम से कम कांग्रेस को बोलना तो चाहिए था.
किरेन रिजिजू ने कहा कि तमिलनाडु में एक शख्स अपनी जमीन बेचने गए तो बताया गया कि आपकी जमीन तो वक्फ के नाम पर है. उस गांव का इतिहास 1500 साल पुराना है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव के लिए 2015 से ही सुझाव लिए जा रहे थे. 2024 में अचानक से बिल लेकर नहीं आया गया है. कश्मीर से लेकर लखनऊ तक बैठकें हुई हैं.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मुस्लिमों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है. मुझसे मुस्लिम प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है. बोहरा, अहमदिया समुदाय की संख्या कम है तो क्या उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाएगा. क्या अगर उनकी संख्या कम है तो उनकी बात नहीं सुनी जानी चाहिए. अगर एक समुदाय छोटे-छोटे समुदाय को कुचल देगी तो हम इस सदन में बैठकर कैसे देखेंगे. विपक्ष सिर्फ चंद लोगों की आवाज उठा रहा है. देश में जितना भी वक्फ बोर्ड है, उस पर माफिया लोगों का कब्जा हो गया है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने संविधान का हवाला दिया है. कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता है. वक्फ कानून में ऐसे कानून हैं, जो संविधान से ऊपर हैं. बंटवारे के वक्त पाकिस्तान जाने वाले मुस्लिमों ने वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्तियां दान दे दी थीं. मैं पूछना चाहता हूं कि अगर दान का फायदा किसी मुस्लिम महिला और बच्चे को लाभ नहीं मिलता है तो क्या सरकार को चुपचाप बैठना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि के रहमान खान की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने भी कहा कि वक्फ बोर्ड की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं है. मैनपॉवर अपर्याप्त है और फंड बहुत ज्यादा कम है. कहा गया कि वक्फ बोर्ड का सारा ध्यान मुतवल्ली बनाने और हटाने पर है. डॉक्यूमेंट्स को ठीक ढंग से रखने का प्रावधान नहीं है. देशभर के वक्फ बोर्ड का सर्वे होना चाहिए. वक्फ बोर्ड को कंप्यूराइज्ड करने की सिफारिश की गई थी. जेपीसी में खुद कहा गया कि वक्फ कानून को फिर से ठीक करने की जरूरत है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सच्चर कमेटी के बारे में हम सभी को मालूम है. कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड की जितनी भी प्रॉपर्टी से उससे सिर्फ 163 करोड़ ही आमदनी होती है. अगर सही से मैनेज किया गया होता तो इससे 12 हजार करोड़ रुपये सालाना इकट्ठा हुए थे. ये बातें पुराने समय की है, आज ये और भी ज्यादा होगा. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड में महिला सदस्यों को भी जगह दी जाए. इसने कहा है कि महिलाओं और बच्चों को जगह दी जानी चाहिए. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही इस बिल को लाया गया है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ कानून बिल पहली बार संसद में पेश नहीं किया गया. कई बार इसमें संशोधन हुआ है. 2013 में वक्फ कानून में बदलाव किया गया था. इसकी वजह से हमें इस बार वक्फ कानून में बदलाव करना पड़ रहा है. वक्फ कानून, 1995 को लेकर एनालिसिस किया गया. वक्फ कानून बिल्कुल असक्षम रहा है. इसमें कई खामियां रही हैं. मैं कांग्रेस पार्टी को खासतौर पर कहना चाहता हूं कि आप लोगों ने जो भी चाहा है, उसी को पूरा करने के लिए हम ये बिल लेकर आए हैं. इस बिल का समर्थन करिए, आपको करोड़ों लोगों की दुआ मिलेगी. बिल के समर्थकों और विरोधियों का नाम इतिहास में दर्ज होगा.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आर्टिकल 25 और 26 के अंदर वक्फ बोर्ड नहीं आता है. जिनको हक नहीं मिला है, उन्हें हक देने के लिए ये बिल लाया गया है. जिनको दबाकर रखा गया है, उनको जगह देने के लिए ये बिल लाया गया है. महिलाओं को जगह देने के लिए बिल लाया गया.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने जिन भी मुद्दों को उठाया है, उसका मैं जवाब देना चाहूंगा. अक्षमता के सवाल पर मैं कहना चाहूंगा कि इस बिल में जो भी प्रावधान हैं, वो आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक, उसके जरिए किसी भी धार्मिक निकाय में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ये बिल पूरी तरह से संविधान और नैतिकता के खिलाफ है. ये दुर्भावनापूर्ण विधेयक है. ये बिल सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट कर रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. चुनाव से पहले देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की गई है. मगर लोगों ने इसे खारिज कर दिया.
समाजवादी पार्टी के सासंद अखिलेश यादव ने जब कहा कि स्पीकर के अधिकार छीने जा रहे हैं तो इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि स्पीकर के अधिकार सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं है, बल्कि पूरे सदन के लिए है. आप इस तरह की गोलमोल बात नहीं कर सकते हैं. आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं. इस दौरान सदन में बहुत ज्यादा हंगामा मच गया. स्पीकर ने कहा कि आसन पर कोई भी टिप्पणी नहीं की जाए.
समाजवादी पार्टी के सासंद अखिलेश यादव ने कहा कि ये बिल सोची-समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है. बीजेपी, हताश, निराश, चंद कट्टर समर्थकों को संतुष्ट करने के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य बनता है. स्पीकर ओम बिरला को लेकर अखिलेश ने कहा कि मैंने आपसे कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायधीश हैं. मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आप के भी छीने जा रहे हैं, जिसके लिए हमें लड़ना होगा.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार कह रही है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा. मुझे यकीन है कि सरकार बिलकिस बानो और जकिया जाफरी को इसका सदस्य बनाएगी. ये बिल आप जोड़ने के लिए नहीं ला रहे हैं, बल्कि बांटने के लिए ला रहे हैं. ये बिल इस बात का सबूत है कि सरकार मुस्लिमों की दुश्मन है.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का जिक्र करते हुए कहा कि बिल में पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले शख्स को ही वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति दान करने की बात हुई है. ये कौन तय करेगा कि पांच साल से इस्लाम का पालन कौन कर रहा है. अगर किसी ने नया-नया धर्मांतरण किया है तो अब उसे वक्फ को दान करने से पहले पांच साल तक इंतजार करना होगा. क्या ये धर्म की आजादी के अधिकार का उल्लंघन नहीं है. हिंदू समितियों और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक के लिए ऐसे कोई नियम नहीं हैं. इसमें कहा गया है कि अगर जिला अधिकारी कहता है कि मस्जिद को सरकारी जमीन बना दो और ऐसा नहीं किया जाता है तो इसके लिए सजा का प्रावधान है.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस सदन के पास संशोधन करने की क्षमता नहीं है. ये संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 का उल्लंघन है. संविधान के ढांचे पर ये बिल हमला है. अगर एक हिंदू शख्स चाहे तो वह अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे-बेटियों को दे सकता है. मुस्लिम होने के चलते मैं सिर्फ एक तिहाई ही कर सकता हूं. मैं अल्लाह के नाम पर संपत्ति नहीं दे सकता हूं, क्योंकि इसमें कहा गया है कि जो पांच साल तक इस्लाम का पालन कर रहा होगा, वही दान दे सकता है.
वक्फ कानून में संधोधन के लिए पेश किए बिल को लेकर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा, "विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है. वे अच्छी चीजों को बुरा करार देते हैं. पीएम कई अच्छी योजनाएं लाए हैं लेकिन कहते हैं ये सारी गलत हैं. मैं भी इसे पिछले 10 साल से देख रहा हूं."
एनसीपी (शरद गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि या तो बिल को वापस ले लिया जाए, क्योंकि वक्फ बोर्ड को चलाने वाले लोगों से कोई सलाह नहीं ली गई है. अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेना चाहती है तो कम से कम स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए. बिना किसी सलाह के एजेंडा पुश नहीं किया जाए. यहां हैरानी वाली बात ये है कि हमें सरकार के जरिए बिल के बारे में मालूम नहीं चला, बल्कि मीडिया के जरिए हमें इस संबंध में पता लगा. क्या ये सरकार के काम करने का नया तरीका है. ये संसद और सांसदों का अपमान है.
जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं. इस देश में हजारों सिखों को मारने का काम किसने किया. सब जानते हैं कि ये कांग्रेस ने किया है. सड़कों पर घूम-घूमकर सिखों की हत्या की थी. इस बिल के जरिए पारदर्शिता आएगी. यही मेरा सबसे आग्रह है.
जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों की बातों से लग रहा है कि ये कानून मुस्लिम विरोधी है. इसमें कौन सा कानून मुस्लिम विरोधी है. यहां पर मंदिर और गुरुद्वारा प्रबंधक का उदाहरण दिया जा रहा है. अगर विपक्ष को मंदिर और संस्था में अंतर नजर नहीं आ रहा है तो ये कौन सा तर्क है. वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए कानून बनाया जा रहा है. कोई धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं हो रहा है.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि संविधान सुप्रीम है और इसका संरक्षण होना चाहिए, लेकिन ये सरकार संविधान के खिलाफ जा रही है. यह बिल मानवता के भी खिलाफ है. ये संघीय ढांचे के भी खिलाफ है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है. ये बिल गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल होने का प्रावधान करती है. ये बिल अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है. यह बिल एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है.
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि ये बिल संविधान अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. मेरे क्षेत्र में कई सारे मुस्लिम मौलवियों ने इसे लेकर चिंता जताई है.
समाजवादी पार्टी से रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव के लिए लाए गए संशोधन बिल से भेदभाव होगा. कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं. मेरे मजहब की चीजें कोई दूसरा कैसे तय करेगा. ये मजहब में दखलंदाजी है. दुनिया का सबसे पुराना वक्फ मक्का में है. कल को क्या हम कहेंगे कि अब वहां भी हमें बोर्ड में हिंदू भाई चाहिए. संविधान बचाने के लिए कहीं जनता सड़कों पर न आ जाए.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बिल संविधान के खिलाफ है. वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियां उन लोगों के जरिए आती हैं, जो इसे दान करते हैं. सरकार इस बिल के जरिए ये प्रावधान कर रही है कि गैर मुस्लिम भी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं. मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या अयोध्या मंदिर बोर्ड का हिस्सा कोई गैर-हिंदू बन सकता है. गैर-मुस्लिम को काउंसिल का हिस्सा बनाना धर्म की आजादी के अधिकार पर हमला है.
उन्होंने कहा कि अभी आप कह रहे हैं कि आप संविधान बचा रहे हैं, ऐसा नहीं है. सरकार अभी मुस्लिमों को निशाना बना रही है, फिर ईसाइयों, जैनों, पारसी को निशाना बनाया जाएगा. हम लोग भी हिंदू हैं, लेकिन साथ ही हम अन्य धर्मों का भी सम्मान करते हैं.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बिल संविधान में दिए गए अधिकारों पर चोट है. इस बिल के जरिए संविधान पर हमला किया जा रहा है. सरकार इस बिल को हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर लेकर आई है.
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानून में संशोधन वाले बिल को पेश किया. इस दौरान सदन में काफी ज्यादा हंगामा किया. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप लोग हल्ला मत करिए. जिन सदस्यों ने नोटिस दिया है, सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा.
वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मन में दुविधा है. लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग गुट) के उच्च सूत्रों के मुताबिक फिलहाल चिराग पासवान वक्फ कानून में संशोधन वाले बिल को अगर स्टैंडिंग या सिलेक्ट कमेटी में भेजा जाता है तो वह उसके पक्ष में है. अगर सरकार इसको पास करवाने की कोशिश करेगी तो वह फिर अपने रूख पर विचार करेंगे. एलजेपी सूत्रों ने बताया कि चिराग मान रहे हैं कि बिल ठीक है, लेकिन इसको लेकर मुस्लिमों की आशंका को सरकार को दूर करना चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक इसे कमिटी में विचार के लिए भेजा जाए.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, वक्फ (संशोधन) विधेयक शून्यकाल के बाद दोपहर 1 बजे पेश किया जाएगा. विपक्ष ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह इस बिल का विरोध करने वाला है.
लोकसभा में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया जा सकता है. इसे लेकर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा, "इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां और आरजेडी इस विधेयक का विरोध करेगी. सरकार महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात नहीं कर रही है."
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस लेकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ''वे (विपक्ष) सोचते हैं कि केवल वे ही हैं जिन्हें दुख हो रहा है. विनेश फोगाट की वजह से पूरा देश दर्द में है. हर कोई स्थिति को साझा कर रहा है, लेकिन इसे भुनाने के लिए, राजनीतिकरण करें यह, उस लड़की का सबसे बड़ा अपमान है. उस लड़की को अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है."
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस लेकर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ''वे (विपक्ष) सोचते हैं कि केवल वे ही हैं जिन्हें दुख हो रहा है. विनेश फोगाट की वजह से पूरा देश दर्द में है. हर कोई स्थिति को साझा कर रहा है, लेकिन इसे भुनाने के लिए, राजनीतिकरण करें यह, उस लड़की का सबसे बड़ा अपमान है. उस लड़की को अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है."
विनेश फोगाट के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "पूरा देश विनेश फोगाट के साथ खड़ा है. पीएम ने कल उन्हें 'चैंपियन ऑफ चैंपियंस' कहा और पीएम की आवाज 140 करोड़ लोगों की आवाज है. दुर्भाग्य से, हम इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभाजित कर रहे हैं. विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, जिस पर चर्चा करें. इसके लिए हम तैयार हैं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओसी ने सभी मंचों पर समाधान का प्रयास किया."
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के ओलंपिक से बाहर होने के मुद्दे पर राज्यसभा से विपक्ष वॉक आउट कर चुका है.
विपक्ष के विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने संसद के बाहर प्याज और अन्य सब्जियों की कीमत में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. विरोध स्वरूप सांसद प्याज की माला भी पहने हुए नजर आए हैं और 'प्याज का दाम कम करो...' का नारा लगाया गया. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "किसान मांग कर रहे हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार को कम से कम एमएसपी देना चाहिए. महाराष्ट्र के प्याज किसानों को अपनी उपज निर्यात करने की अनुमति नहीं है, जबकि गुजरात में प्याज किसानों को निर्यात करने की अनुमति है. हमारा विरोध इसी के खिलाफ है.''
लोकसभा में सरकार की तरफ से वक्फ को लेकर दो बिल लाये जाएं. पहला बिल वह होगा, जिसमें 1924 के वक्फ कानून को खत्म यानी रिपील करने की मांग की जाएगी और दूसरा वक्फ एक्ट संशोधन बिल 2024 होगा. इसके जरिए वक्फ बोर्ड में सुधार की बात होगी.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने आज दिल्ली के संसदीय सौध में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक में भाग लिया.
सरकार द्वारा आज लोकसभा में वक्फ कानून संशोधन विधेयक पेश करने की खबरों पर कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा है, ''कल बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने हमें बताया कि सरकार वक्फ कानून संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश करेगी. कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके समेत विपक्षी दलों ने बिल का विरोध किया. हमने बैठक में कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. संबंधित मुस्लिम संगठनों और संबंधित हितधारकों के साथ कोई चर्चा किए बिना, आप आगामी चुनावों में कुछ राजनीतिक लाभ या ध्रुवीकरण के लिए यह विधेयक ला रहे हैं. सरकार अपना प्रस्ताव वापस लेने को तैयार नहीं है. हमने मांग की कि इस बिल को मूल्यांकन या गहन सत्यापन के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए. पूरा विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है. बिल पेश होने दें, हमारी पार्टी उसके बाद फैसला करेगी."
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक के विरोध में लोकसभा में नोटिस दिया.
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया और सरकार से आग्रह किया, "समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और हमारे मछुआरों की रक्षा के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की जाए."
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि समाजवादी पार्टी आज संसद में पेश किए जाने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करेगी.
वक्फ कानून में सुधार के लिए विधेयक पेश किए जाने को लेकर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, "संसद शांतिपूर्वक चल रही है और संसद में बजट समेत तमाम अहम चीजों पर चर्चा हो रही है. सरकार ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाना चाहती है. सरकार चाहती है कि बजट पर चर्चा न हो. हम इन संशोधनों को स्थायी समिति के पास भेजने के लिए कहेंगे."
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद पहुंच चुके हैं. वह कांग्रेस सांसदों के साथ बैठक करने वाले हैं. इसके बाद सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि संशोधन के जरिए सरकार जमीन बेचने का रास्ता खोलना चाहती है. उन्होंने कहा, "‘वक्फ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है. रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है. वक्फ बोर्ड की ज़मीनें, डिफ़ेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं. भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी’. इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी. भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है. उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘ज़मीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय ज़मीन पार्टी."
केंद्र सरकार गुरुवार को संसद में वक्फ कानून, 1995 में सुधार के लिए विधेयक पेश कर सकती है. इसे लेकर सदन में हंगामे होने के आसार नजर आ रहे हैं. वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है.
बैकग्राउंड
Parliament Monsoon Session Live Updates: संसद सत्र में गुरुवार (8 अगस्त) का दिन हंगामे भरा रहने वाला है. इस बात की पूरी उम्मीद है कि सरकार वक्फ कानून में सुधार के लिए विधेयक पेश कर सकती है. इसे लेकर राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही जगहों पर हंगामा होने वाला है. कई दलों ने अभी से ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी उन दलों में शामिल है, जिसने वक्फ कानून को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया है.
वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है. विधेयक को पेश किए जाने से पहले मंगलवार रात लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित किया गया. विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं.
यह केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है. सरकार के कई मंत्रियों और बीजेपी नेताओं कहा कि वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए लंबे समय से मुस्लिम समुदाय की तरफ से मांग की जा रही है. उनका कहना है कि इसमें महिलाओं की भागीदारी भी जरूरी है. कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध भी किया है.
संसद सत्र की शुरुआत 22 जुलाई को हुई थी और फिर 23 जुलाई को बजट पेश किया गया था. इस दौरान सदन में काफी ज्यादा हंगामा भी मचा था. बजट को लेकर लगभग हर रोज चर्चा की गई है. इस दौरान सदन में उन विषयों पर भी चर्चा हुई है, जो हाल के समय में घटित हुईं, जैसे वायनाड भूस्खलन और दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा. संसद से जुड़े सभी अपडेट्स आप नीचे दिए गए कार्ड्स में पढ़ सकते हैं.
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