No Confidence Motion: 'INDIA' के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सोमवार को तय हो सकती है तारीख, क्या है विपक्ष और सरकार का प्लान?
No Confidence Motion: मणिपुर पर संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में गतिरोध जारी है. इसी बीच विपक्षी गठबंधन INDIA के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सोमवार (31 जुलाई) को तारीख तय हो सकती है.
No Confidence Motion: मणिपुर को लेकर संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में गतिरोध जारी है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष दलों के गठबंधन 'इंडिया' की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार (31 जुलाई) को चर्चा की तारीख तय हो सकती है. चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रह सकते हैं.
हंगामे के कारण शुक्रवार (28 जुलाई) को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. लगातार विपक्ष मांग कर रहा है कि मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी संसद के भीतर बयान दें तो वहीं सरकार कह रही है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष भाग रहा है.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मणिपुर पर पीएम मोदी चर्चा के लिए तैयार हैं. दरअसल पीएम मोदी के मणिपुर की स्थिति पर बयान देने की मांग की रणनीति के तहत ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को देखा जा रहा है क्योंकि सरकार के पास बहुमत है.
सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव सरकार को गिराने के लिए लाया जा रहा है, लेकिन सदन में हमारे पास पर्याप्त बहुमत है. गोयल ने आगे कहा कि विपक्ष के सभी दलों को आपसी सहयोग से सदन को चलाने के बारे में सोचना चाहिए.
गोयल ने कहा कि हमने सभी दलों को ऑल पार्टी मीटिंग के समय ही मणिपुर पर चर्चा के लिए बोला था, लेकिन सदन में हंगामा करके संसद ना चलने देने से सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष आरोप लगाता है कि बोलते समय उनका माइक बंद कर दिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है बस यह विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा कह रहा है.
अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से क्यों तय है?
अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से बीजेपी के पक्ष में है. लोकसभा में विपक्षी दलों के 150 से कम सदस्य हैं, लेकिन विपक्ष की दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए धारणा से जुड़ी लड़ाई में सरकार को मात देने में सफल रहेंगे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा की 543 सीट में से पांच अभी खाली हैं. इनमें से 330 से अधिक सांसद बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अन्य घटक दलों के हैं. कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के उसके साथी दलों के सदस्यों की संख्या 140 से अधिक है. करीब 60 सांसदों का संबंध उन दलों से है जो दोनों गठबंधनों का हिस्सा नहीं है.
बता दें कि पिछले नौ सालों में दूसरी बार मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.
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