No Confidence Motion: लोकसभा में मंगलवार (08 अगस्त) को मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी इस चर्चा की शुरुआत करेंगे. मोदी सरनेम मामले मे संसद की सदस्यता गंवाने के बाद ये पहला मौका होगा जब राहुल गांधी सदन में संबोधित कर रहे होंगे. ऐसे में राहुल गांधी की रणनीति पर सभी की नजर होगी.


इसी साल 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. मोदी सरनेम मामले में सूरत की सीजेएम कोर्ट ने उन्हें मानहानि का दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. नियम के मुताबिक, दो साल या उससे अधिक सजा पाने वाला संसद का सदस्य नहीं रह सकता है. बीते शुक्रवार (4 अगस्त) को सजा पर सुप्रीम कोर्ट से रोक के बाद एक बार उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई. इस बारे में लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी की.


राहुल गांधी ने किया था चौंकाने वाला काम


सदस्यता बहाल होने के बाद अब राहुल गांधी को अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार को घेरने की कमान सौंप दी गई है. प्रस्ताव पर मंगलवार को दोपहर में प्रश्न काल के बाद चर्चा शुरू होगी. यहां ये बात जान लेना जरूरी है कि मोदी सरकार के खिलाफ दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है. पहले वाला साल 2018 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान ही आया था. इस बार की तरह तब भी मानसून सत्र ही चल रहा था. उस समय मोदी सरकार ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन सदन के अंदर राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कर दिया था, जिसकी चर्चा आज भी की जाती है.


राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लगाया था गले


2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार के उस कार्यकाल के चार वर्षों को लेकर निशाना साधा था. भाषण खत्म करने के बाद राहुल गांधी अपनी सीट से सीधे उठे और प्रधानमंत्री की कुर्सी के पास पहुंचे और उन्हें गला लिया. अचानक हुए इस घटनाक्रम से पूरा सदन भौचक्का रह गया था. उस समय का वीडियो देखने पर ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद एक बार असहज हो गए थे.


राहुल गांधी के भाषण की भी हुई थी चर्चा


सदन में पीएम मोदी को गले लगाने से पहले राहुल गांधी ने जो कहा था उसने भी सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने कहा था, 'आपके अंदर मेरे लिए नफरत है. आपके अंदर मेरे लिए गुस्सा है. आपके लिए मैं पप्पू हूं. मगर मेरे अंदर आपके खिलाफ इतना सा भी गुस्सा, इतना सा भी क्रोध और इतनी सी भी नफरत नहीं है. मैं कांग्रेस हूं. ये सब कांग्रेस हैं. कांग्रेस की इस भावना ने देश को बनाया है. ये भावना आप सबके अंदर है और इस भावना को आप सबके अंदर से निकालूंगा. आपके अंदर जो प्यार है उसे मैं निकालूंगा और आप सबको कांग्रेस में बदलूंगा.'


इसके बाद वे अपनी सीट से निकलकर पीएम मोदी के पास पहुंचे और उन्हें गले लगा लिया. जब वे वापस लौटकर अपनी सीट पर पहुंचे तो उन्होंने उस समय कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को आंख मारी थी. इसे लेकर पीएम मोदी ने जवाब देते समय तंज भी कसा था और कहा था कि पूरा देश आंखों का खेल देख रहा है.


चर्चित रहा था मामला


गले लगाने की ये घटना नेशनल मीडिया में छाई रही. कुछ ने इसे ऐतिहासिक कहा तो कुछ ने इसे राहुल की राजनीति में बदलाव का संकेत बताया था. हालांकि, तब विपक्ष प्रस्ताव गिर गया था और उसके एक साल बाद चुनाव में भी यूपीए को हार का मुंह देखना पड़ा था. अब देखना है कि 5 साल बाद आज यानि 8 अगस्त को राहुल गांधी क्या करते हैं.


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