नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने के विचार को चुनाव सुधार प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुये विपक्षी दलों से 'एक देश एक चुनाव' के विचार को चर्चा किये बिना ही खारिज नहीं करने की अपील की. मोदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुये कहा, ''चुनाव सुधार का काम 1952 से ही हो रहा है और यह होते भी रहना चाहिये. मैं मानता हूं कि इसकी चर्चा भी लगातार खुले मन से होती रहनी चाहिये लेकिन दो टूक यह कह देना उचित नहीं है कि एक देश एक चुनाव के हम पक्ष में नहीं है.''
पीएम ने कहा कि इस पर चर्चा किये बिना ही इस विचार को खारिज नहीं करना चाहिये. मोदी ने कहा कि एक देश एक चुनाव के विचार को खारिज करने वाले तमाम नेता व्यक्तिगत चर्चाओं में कहते हैं कि इस समस्या से मुक्ति मिलनी चाहिये. प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी दलों के नेताओं की दलील रही है कि पांच साल में एक बार चुनाव का उत्सव हो और बाकी के समय देश के काम हों. लेकिन सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकारने में दिक्कत होती होगी. उन्होंने पूछा, ''क्या यह समय की मांग नहीं है कि कम से कम मतदाता सूची तो पूरे देश की एक हो. इससे जनता के पैसे की बहुत मात्रा में बर्बादी को रोका जा सकेगा.
प्रधानमंत्री ने इसे चुनाव सुधार प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुये कहा कि देश में पहले एक देश चुनाव ही होता था और कांग्रेस को ही इसका सर्वाधिक लाभ मिलने का हवाला देते हुये अब इस पर कांग्रेस के विरोध पर आश्चर्य जताया. मोदी ने देश और राज्य के एक साथ चुनाव कराये जाने पर मतदाताओं को अपने मत का फैसला करने में दिक्कत होने की विपक्षी दलों की दलील को नकारते हुये कहा कि ओडिशा इसका सबसे ताजा उदाहरण है.
मतदाताओं में मतदान का फैसला करने का विवेक है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने दलील दी कि ओडिशा में अभी लोकसभा और विधानसभा के एकसाथ हुये चुनाव में मतदाताओं ने लोकसभा के लिये एक मतदान किया और विधानसभा के लिये दूसरा मतदान किया. उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि मतदाताओं में एक ही समय अलग-अलग सदनों के लिये मतदान का फैसला करने का विवेक है.
मोदी ने एक साथ चुनाव होने से क्षेत्रीय पार्टियों के खत्म होने की दलीलों को भी भ्रामक बताते हुये कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हुये उन सभी में क्षेत्रीय दलों की ही सरकार बनी. उन्होंने इस प्रकार की दलीलों से बचने की अपील करते हुये कहा, ''किसी नये विचार को चर्चा किये बिना ही नकार देने से बदलाव नहीं आ सकता है. भारत के मतदाता के नीर, क्षीर विवेक पर हम शक नहीं करें, यह मेरा मत है.''
प्रधानमंत्री ने ईवीएम और वीवीपेट के विरोध में भी दी जा रही दलीलों को भी खारिज करते हुये कहा कि विरोधी दलों ने हर बात का सिर्फ विरोध करना ही अपना काम समझ लिया है. चुनाव के दौरान ईवीएम के जरिये गड़बड़ी करने के आरोपों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय बीजेपी भी मात्र दो सांसदों पर पहुंच गयी थी किंतु हमने कभी इस तरह का ''रोना-धोना नहीं किया''.
बीजेपी ने भी एक समय में ईवीएम पर सवाल उठाये थे- प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा कि जब खुद पर भरोसा न हो, सामर्थ्य न हो तथा आत्ममंथन की तैयारी नहीं हो तो ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि जब से ईवीएम का उपयोग शुरू हुआ है, तब से चुनावी हिंसा और चुनावी धांधली खत्म भी हुई है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ईवीएम को शुरू किया, वे ही आज इसे लेकर शिकायतें कर रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी ने भी एक समय में ईवीएम पर सवाल उठाये थे. पर बाद में प्रौद्योगिकी को समझकर इसे अपनाया.
पीएम ने कांग्रेस से सवाल किया कि आप पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं? ''आपके साथ समस्या यह है कि आप जीत को पचा नहीं सकते और हार को स्वीकार करने की आपमें सामर्थ्य नहीं है.'' प्रधानमंत्री ने इस प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि ईवीएम ही नहीं डिजिटल लेनदेन, 'आधार कार्ड, जीएसटी और डिजिटल मैपिंग सहित सभी नयी तकनीकी जरूरतों का विरोध किया गया. मोदी ने कहा कि आधुनिक भारत बनाने के काम में हम तकनीक से कब तके भागते रहेंगे. उन्होंने कहा कि तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के उपाय भी तकनीक से ही मिलता है, इसलिये नयी तकनीक से दूर नहीं रहा जा सकता है.
चमकी बुखार पर पहली बार बोले पीएम मोदी
बिहार के चमकी बुखार को लेकर बच्चों की हो रही मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से हो रही मौत हमारे लिए दुख की बात है और इसको लेकर मैं लगातार बिहार सरकार से संपर्क में हूं. प्रधानमंत्री मोदी राज्यसभा में संबोधन के दौरान कहा, ''आधुनिक युग में हमारी ये सबसे बड़ी विफलता है. इसे गंभीरता से लेना होगा. मुझे विश्वास है कि ये जो दुखद स्थिति से जल्द सबको बाहर निकाला जा सके. राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हूं. ऐसी समस्या से मिलकर काम लेना होगा.''
झारखंड मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी
झारखंड मॉब लिंचिंग पर कई दिनों की चुप्पी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्य सभा में अपनी प्रतिक्रिया दी. पीएम मोदी ने कहा है कि युवक की हत्या का दुख सबको है, और होना भी चाहिए, लेकिन इस एक घटना के लिए पूरे झारखंड को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
झारखंड के सरायकेला जिले के धतकिडीह गांव में तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. हत्या पर पीएम मोदी ने दोषियों की सजा की पैरवी की, लेकिन मॉब लिंचिंग की इस घटना के बहाने पूरे झारखंड को कटघरे में खड़ा करने का बचाव किया. उन्होंने कहा, "दोषियों को कड़ी से कड़ी से सजा होनी चाहिए, लेकिन सबको कटघरे में नहीं खड़ा किया जा सकता है. पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक नहीं है. वहां भी सज्जनों की भरमार है."
राज्यसभा भी जनता की नजरों से दूर नहीं- मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में सत्तापक्ष का बहुमत नहीं होने के चलते बार-बार व्यवधान और महत्वपूर्ण विधेयकों को लटकाने के लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए सभी दलों को से आह्वान किया कि उन्हें देश की विकास यात्रा में सहयोग देना चाहिए. मोदी ने कहा, ''इस सदन में जिन दलों का व्यवहार पिछले पांच साल में रुकावट और अड़ंगे डालने और जनसमर्थन से बैठी सरकार के कामों को रोकने वाला रहा है...उन सभी को देशवासियों ने चुनाव में सजा दी है.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे साफ है कि राज्यसभा की गतिविधियां भी जनता की नजरों से दूर नहीं हैं. उन्होंने कहा, ''देश का मतदाता इतना समझदार है कि वह भी इन चीजों (राज्यसभा की गतिविधियों) को नोटिस कर रहा है और अपना नतीजा देते समय सिर्फ लोकसभा में किसने क्या किया उस पर ही नहीं बल्कि राज्यसभा में किसने क्या किया, उसके आधार पर भी वोट कर रहा है.''
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