Manipur Violence: आज मणिपुर जाएंगे विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता, पुलिस ने बर्बरता की शिकार दोनों महिलाओं से की बात | बड़ी बातें
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर संसद में गतिरोध शुक्रवार को भी जारी रहा. वहीं दिल्ली में कुकी-जो वूमेन्स फोरम ने प्रदर्शन किया. सीबीआई ने भी जांच तेज कर दी है.
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में शुक्रवार (28 जुलाई) को गतिरोध जारी रहा. विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार (31 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्षी ही तैयार नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने हिंसा से जुड़े मामले की जांच तेज कर दी है. इसको लेकर कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. बड़ी बातें-
1. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर पुलिस निर्वस्त्र कर घुमाई गई महिलाओं के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में है. अधिकारियों ने कहा कि टीम ने परिवार के सदस्यों के साथ-साथ दोनों महिलाओं से भी मुलाकात की और उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
2. सीबीआई मणिपुर में हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच कर रही है. अधिकारियों ने शुक्रवार (28 जुलाई) को कहा कि सीबीआई नाजुक परिस्थितियों में इन मामलों की जांच कर रही है और इस स्थिति को देखते हुए उसने प्राथमिकी पुन: दर्ज किए जाने के एक महीने बाद भी उसे सार्वजनिक नहीं किया है.
3. कुकी-जो वूमेन्स फोरम ने दिल्ली में जंतर मंतर पर शुक्रवार (28 जुलाई) को प्रदर्शन किया. मणिपुर के पर्वतीय जिलों में रहने वाली आदिवासी आबादी के लिए अलग प्रशासन की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने हिंसा में घिरे पूर्वात्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग रखी. कुछ प्रदर्शनकारियों ने खास तरह की टी-शर्ट पहन रखी थी जिनपर लिखा था, ''अलग प्रशासन ही एकमात्र समाधान है.''
4. मणिपुर पर हमलावर विपक्षी गठबंधन INDIA के 21 नेता शनिवार (29 जुलाई) से मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करेंगे. गठबंधन दलों का कहना है कि वह इस दौरान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी स्थिति का आंकलन करने के बाद समस्याओं के समाधान के बारे में सरकार और संसद को अवगत कराएंगे.
5. विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, डीएमके की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल होंगे. इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर हिस्सा होंगे.
6. विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रतिनिधिमंडल के मणिपुर दौरे को लेकर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें विपक्षी नेताओं के मणिपुर जाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें वहां स्थिति को खराब नहीं करनी चाहिए. बीजेपी सांसद और एक्टर और रवि किशन ने भी विपक्षी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान और चीन भी जाना चाहिए क्योंकि इनकी वहां ज्यादा मांग है.
7. बता दें कि विपक्षी गठबंधन लगातार पीएम मोदी से मणिपुर पर संसद में बयान देने की मांग उठा रहा है. इसी को लेकर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही 31 जुलाई तक स्थगित होने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मणिपुर मामले पर पीएम मोदी चर्चा के लिए तैयार हैं. ऐसे में अब स्पीकर को तय करना है कि इस विषय (अविश्वास प्रस्ताव) पर कब चर्चा होगी. हमने सभी दलों को ऑल पार्टी मीटिंग के समय ही मणिपुर पर चर्चा के लिए बोला था, लेकिन सदन में हंगामा करके संसद नहीं चलने देने से सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
8. पीयूष गोयल ने आगे कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार को गिराने के लिए लाया जा रहा है, लेकिन सदन में हमारे पास पर्याप्त बहुमत है. विपक्ष के सभी दलों को आपसी सहयोग से सदन को चलाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष आरोप लगाता है कि बोलते वक़्त उनका माइक बंद कर दिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. बस यह विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा बोल रहा है.
9. टीएमसी की नेता सुष्मिता देव ने कहा कि हम मणिपुर इस कारण जा रहे हैं क्योंकि हम मणिपुर के लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं. हम चिंता करते हैं और हम चाहते हैं कि राज्य में एक बार से शांति कायम हो. सरकार स्थिति संभालने में फेल साबित हुई है.
10. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कराने के मामले में गुरुवार (27 जुलाई) को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. इसमें सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार की सहमति लेकर जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जा रही है. मुकदमे का तेज निपटारा जरूरी है. कोर्ट केस राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दे. निचली अदालत से कहे कि वह चार्जशीट के 6 महीने के भीतर फैसला दे. वहीं चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के शुक्रवार को उपलब्ध नहीं होने के चलते उनकी बेंच नहीं बैठी. ऐसे में मणिपुर मामले की सुनवाई कोर्ट में नहीं हुई.