Parliament Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया और सत्र की शुरुआत जैसा कि उम्मीद की जा रही थी कुछ उसी तर्ज पर विपक्ष के हंगामे के साथ हुई. विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. विपक्ष महंगाई, 3 कृषि कानूनों को वापस लेने, पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही पीगैसिस के ज़रिए जासूसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करता रहा और इसकी वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही.


संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के लिए जैसे ही दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा बैठे विपक्ष की तरफ से अलग-अलग मुद्दों को लेकर लगातार कार्य स्थगन प्रस्ताव से लेकर चर्चा की मांग की गई. विपक्ष के सांसदों का कहना था कि सरकार को इन गंभीर मुद्दों पर देश के सामने जवाब देना चाहिए क्योंकि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन से देश की जनता सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है. विपक्ष की तरफ से लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लोकसभा और राज्यसभा में मजदूरी नहीं मिली और इसकी वजह से संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.


विपक्षी पार्टियों के सांसद नारेबाजी करने के साथ ही अपने हाथ में प्ले कार्ड भी लेकर संसद भवन के अंदर पहुंचे थे. नौबत यहां तक आ गई कि जब प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल के नए सदस्यों की जानकारी सदन के सामने रख रहे थे तो उस दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगह विपक्षी सांसदों ने खूब नारेबाजी की और सांसद वेल तक में उतर गए. जिसके बाद लोकसभा के स्पीकर और राज्य सभा के चेयरमैन ने भी विपक्षी सांसदों के इस रवैए पर नाराजगी जताई.


विपक्षी सांसदों के इस तरह के विरोध प्रदर्शन पर लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सवाल उठाए तो राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल ने विपक्षी सांसदों के रवैया पर कहा कि यह विपक्षी सांसदों को बिल्कुल शोभा नहीं देता क्योंकि एक पद्धति चली आ रही है कि जब सदन में प्रधानमंत्री जानकारी दे रहे होते हैं तो उस समय किसी भी तरह की बाधा नहीं पहुंचने चाहिए लेकिन विपक्षी सांसदों ने उस पद्धति की भी अनदेखी की है.


इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले भी अलग-अलग विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. तृणमूल कांग्रेस सांसद जहां साइकिल से संसद भवन परिसर पहुंचे और पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध किया. तो वहीं अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए संसद भवन परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.


सोमवार को मॉनसून सत्र का पहला दिन था लेकिन जिस तरह से विपक्ष का रुख सामने आया है वह साफ इशारा कर रहा है कि मौजूदा मॉनसून सत्र में सियासी पारा काफी बढ़ा हुआ है. जिस तरह से विपक्ष अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है उससे यह साफ है आने वाले दिनों में भी संसद में इस तरह के विरोध प्रदर्शन और हंगामे की तस्वीरें लगातार देखने को मिल सकती हैं.


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