AI Side Effect: AI से जाएंगी करोड़ों लोगों की नौकरियां? संसद में सरकार का जवाब, इस वक्त चिंता...
AI Effects: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के सवाल पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नौकरी जाने की बातें अनुमान के आधार पर कहीं जाती हैं. अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है.
Parliament Monsoon Session Latest News: एक तरफ देश दुनिया में अपने फीचर्स की वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कई एक्सपर्ट इससे भविष्य में नौकरियों के जाने की आशंका भी जता रहे हैं. सोमवार को लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सरकार से इस मुद्दे पर सवाल किया.
उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि एआई की वजह से 6.9 करोड़ लोगों की नौकरी इस सरकार के कार्यकाल में जा सकती है. देश में बेरोजगारी भी बढ़ रही है. इससे निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है. इसके जवाब में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नौकरी जाने की बातें प्रिडिक्शन यानी अनुमान के आधार पर कहीं जाती हैं.
मंत्री ने कहा- अभी चिंता की बात नहीं
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने आगे कहा कि जब मोबाइल फोन, कंप्यूटर आया, तब भी ऐसे ही दावे किए गए थे. मगर ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है. भारतीय अर्थव्यवस्था 6 से 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है. इस रफ्तार से जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो मैन्यूफेक्चरिंग से लेकर सर्विस सेक्टर तक में रोजगार बढ़ता है, इसलिए अभी चिंता की बात नहीं है. नेशनल सर्विस पोर्टल पर 30 लाख से ज्यादा नौकरियां हैं. देश में नौकरियों की कोई कमी नहीं है.
AI क्या है और कैसे काम करता है?
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं, जिसका मतलब है बनावटी यानी कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर साइंस की एक एडवांस्ड शाखा है. इसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वो इंसानों की तरह सोच-समझ सके और फैसले ले सके.
दूसरे शब्दों में कहें तो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश होती है जिसके आधार पर एक इंसान का दिमाग काम करता है.
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