Parliament Monsoon Session: मणिपुर के मुद्दे और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) पर पीएम मोदी (PM Modi) की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी को लेटर लिखकर इस गतिरोध को कम करने की कोशिश की है. इस बीच विपक्षी दल बुधवार (26 जुलाई) को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे. 


1. कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को 26 जुलाई को संसद में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. इसमें सभी लोकसभा सांसदों को संसद में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. सुबह साढ़े दस बजे कांग्रेस सांसदों की बैठक होगी. इसके अलावा मौजूदा मानसून सत्र के लिए आप सांसद संजय सिंह के निलंबन को लेकर राज्यसभा के विपक्षी सांसदों का संसद परिसर में धरना भी जारी है.


2. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को विपक्ष के नेताओं, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर उनसे संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में सहयोग देने का अनुरोध किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे और लोकसभा में कांग्रेस नेता चौधरी को लिखे एक जैसे पत्रों में अमित शाह ने कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और उन्होंने सभी से पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर सहयोग करने का अनुरोध किया. 


3. अमित शाह ने लिखा कि मैं आपको ये पत्र राज्यसभा और लोकसभा में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं. हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है. कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई माह की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी. कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आई जिसके बाद पूरे देश की जनता संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहे.


4. गृह मंत्री ने लिखा कि इस समय मणिपुर की जनता चाहती है कि हम सभी पार्टियों के संसद सदस्य उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि हम एक होकर मणिपुर की शांति के लिए संकल्पबद्ध हैं. विपक्ष की मांग है कि सरकार की ओर से मणिपुर पर स्टेटमेंट हो, मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार सिर्फ स्टेटमेंट ही नहीं बल्कि पूरी चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसमें सभी दलों का साथ अपेक्षित है. आइए हम अपने राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठें और सदभाव से काम करें. 


5. मणिपर हिंसा के मुद्दे को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देंगे. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि विपक्षी दल बुधवार को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. 


6. इससे पहले पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर निशाना साधते हुए ईस्ट इंडिया कंपनी, पीएफआई और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता. सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्ष की आलोचना की और भरोसा जताया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के बाद सत्तारूढ़ एनडीए को लगातार तीसरा कार्यकाल मिलना तय है. 


7. पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने भी पलटवार किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी, हम इंडिया हैं. हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे. हम मणिपुर में इंडिया के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता-सेनानियों की मुखबरी कर रहे थे, वो अब थोथे प्रवचन कर रहे हैं. अपने नाम में उपाधि लगा लेने से या चोगा धारण कर लेने से मूल-स्वरूप नहीं छुपता. राजनीति को बंटवारे के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाले विभाजनकारी अब अपने दिन गिनें. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम की आलोचना की.


8. कांग्रेस ने पीएम मोदी के साथ कई नेताओं की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, "घोटाला-बंधन". इस ट्वीट में पीएम मोदी के साथ असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, जय पांडा, सुवेंदु अधिकारी, शिवराज सिंह चौहान, बीएस बोम्मई, छगन भुजबल, रघुवार दास, पेमा खांडू, अजित पवार समेत कई नेताओं का फोटो लगाते हुए उन पर विभिन्न घोटालों में शामिल होने के आरोप लगाया.


9. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए ट्वीट किया कि कौआ अपना नाम हंस रख ले तो भी मोती नहीं चुगेगा. अमावस्या की काली रात को पूर्णिमा का नाम देने से वह शीतल और प्रकाशवान नहीं हो जाएगी. नाम बदलने से इनका मूल स्वभाव नहीं बदल जाएगा. ऐसे ही I.N.D.I.A. नाम लगा लेने से आत्मा और संस्कार में रची-बसी विभाजनकारी सोच और भारत विरोधी दृष्टि समाप्त नहीं हो जाएगी. आपका नाम बदलने से आपका गेम नहीं बदलेगा, ये इंडिया बनाम I.N.D.I.A है.


10. मणिपुर के मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है. विपक्षी दल इस मुद्दे पर पीएम मोदी से संसद में बयान देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. हंगामे के बीच मंगलवार को कुछ विधायी कामकाज भी पूरे किए गए. इस दौरान बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, 2022 और जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा में पारित किए गए. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


ये भी पढ़ें- 


Delhi Ordinance: दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश को कैबिनेट से मिली मंजूरी, जल्द ही संसद में किया जाएगा पेश