No Confidence Motion: क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, कब-कब आया, कितनी बार हुआ पास-फेल, जानें INDIA और NDA के दांव-पेंच
No Confidence Motion: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके खिलाफ 325 वोट पड़े थे.
Parliament Monsoon Session: केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार (8 अगस्त) से चर्चा होगी. लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी की संसद में वापसी हो गई है और वह इस पर बहस शुरू कर सकते हैं. तीन दिन में 16 घंटे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा की जाएगी और प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को इस पर जवाब दे सकते हैं.
मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. हालांकि, नंबर गेम के लिहाज से सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है. यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है. पिछले कार्यकाल में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके खिलाफ 325 वोट पड़े थे, जबकि पक्ष में 126 वोट पड़े थे. आइए अब जानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव होता क्या है, जिसकी इतनी चर्चा हो रही है-
क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव?
किसी मुद्दे पर विपक्ष की नाराजगी होती है तो लोकसभा सांसद नोटिस लेकर आता है. जैसे इस बार मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नाराज है और वह लगातार सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है. सरकार को घेरने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इसे स्वीकर भी कर लिया है और आज से बहस शुरू होनी है. अविश्वास पर चर्चा के लिए 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है. गौरव गोगोई के नोटिस को 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. चर्चा के बाद इस पर वोटिंग की जाएगी.
कब लाया जाता है अविश्वास?
संविधान के अनुच्छेद-75 के मुताबिक, सरकार यानी प्रधानमंत्री और उनका मंत्रीपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है. लोकसभा में जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं इसलिए सरकार को इसका विश्वास प्राप्त होना जरूरी है. ऐसे में अगर किसी विपक्षी पार्टी को लगता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है या सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. इसी के आधार पर लोकसभा के रूल 198(1) से 198(5) के तहत कहा गया है कि विपक्षी दल सरकार के खिलाफ अविश्वास का नोटिस लोकसभा स्पीकर को सौंप सकता है.
जब 1979 में गिर गई थी मोरारजी देसाई की सरकार
आजादी के बाद से अब तक 27 बार केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, लेकिन सिर्फ एक बार ही पास हुआ. जुलाई 1979 में पीएम मोरारजी देसाई ने वोटिंग से पहले इस्तीफा दे दिया था, जिस वजह से उनकी सरकार गिर गई. आखिरी बार अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था. 23 बार कांग्रेस पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. हालांकि 10 साल पीएम रहे मनमोहन सिंह के खिलाफ एक बार भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया. इसके अलावा, 2 बार जनता पार्टी जबकि 2 बार बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास लाया गया.
NDA और INDIA के पास कितनी ताकत
लोकसभा में कुल 538 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 270 है, जबकि अकेली बीजेपी के पास 301 सीटें हैं, उसके सहयोगियों की सीटों की संख्या 30 है. शिवसेना (शिंदे गुट) जो कि एनडीए में शामिल हैं, जिसके पास 12 लोकसभा सीटें हैं. एलजेपी के पास 6 सीटें हैं, अपना दल (S) के पास 2, एनसीपी के (अजित गुट) के पास 1 सांसद है, आजसू के पास 1 और AIADMK 1 सीट है. इसके अलावा मिजो नेशनल फ्रंट 1, नागा पीपुल्स फ्रंट 1, नेशनल पीपुल्स पार्टी 1, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी- 1, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के पास 1 सीट है. इसके अलावा दो निर्दलीय भी एनडीए में शामिल हैं. इस तरह एनडीए के सहयोगियों का कुल आंकड़ा 30 बनता है और इसमें बीजेपी की 301 सीटों को जोड़ दिया जाए तो एनडीए के पास संख्या बल 331 हो जाता है.
अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA की ताकत के बारे में जाते हैं:
कांग्रेस के पास 50 लोकसभा सीट हैं, डीएमके 24, टीएमसी 23, जेडीयू 16, सीपीएम 3, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 3, नेशनल कॉन्फ्रेंस 3, सपा 3, सीपीआई 2, आम आदमी पार्टी 1, जेएमएम 1, केरल कांग्रेस 1, आरएसपी (रेवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी 1), वीसीके 1, शिवसेना (उद्धव गुट) 7, एनसीपी (पवार गुट), 4 और निर्दलीय 1. इस तरह INDIA के पास 144 सीटें हैं.
अब एक नजर उन दलों पर डालते हैं जो न एनडीए में हैं और न ही INDIA में:
जगन रेड्डी की पार्टी वाईआरएस के पास 22 लोकसभा सीटें, बीजेडी के पास 12 लोकसभा सीटें हैं, बीएसपी के पास 9, टीडीपी 3, अकाली दल 2, एआईयूडीएफ 1, जेडीएस 1, आरलएपी 1, अकाली दल (सिमरजीत सिंह मान) 1, एआईएमआईएम 2, टीआरएस के पास 9 सीटें हैं. इस तरह एनडीए और INDIA से अलग दलों के पास 63 सीटें हैं.
राज्यसभा में किस पार्टी की कितनी ताकत
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, यहां पर बहुमत का आंकड़ा 120 है. बीजेपी के पास राज्यसभा में 92 सीटें हैं, जबकि उसके सहयोगी दलों की सीटों की संख्या- 23 है, जबकि 5 नॉमिनेटेड हैं. विपक्षी दलों के पास राज्यसभा में 106 सीटें हैं, इनमें कांग्रेस के पास 31, अन्य दलों के पास 75 सीटें हैं. इसके अलावा एनडीए और INDIA के अलग दलों के पास भी 12 सीटें हैं, इनमें बीजेडी-9, बीएसपी, जेडीएस और टीडीपी के पास एक-एक राज्यसभा सीट हैं.