Monsson Session: केंद्र सरकार ने मंगलवार (23 जुलाई) को संसद में पूर्ण बजट पेश किया. विपक्ष लगातार इस बजट को भेदभावपूर्ण बता रहा है. विपक्षी इंडिया गठबंधन का कहना है कि इसमें उन राज्यों का जिक्र नहीं किया गया है, जहां बीजेपी को चुनावी हार मिली है. संसद का मानसून सत्र जब बुधवार (24 जुलाई) को शुरू हुआ तो लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि किसी को बोलने की इजाजत नहीं है.
लोकसभा में विपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान जमकर हंगामा किया. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी सीट से खड़े हो गए और नाराजगी जाहिर की. लोकसभा स्पीकर ने सख्त लहजे में कहा, "माननीय सदस्यों मैं आपसे आग्रह करता हूं कि प्रश्नकाल के अंदर किसी भी विषय को नहीं बोलने देना सही नहीं है. मैं एक ऐसी व्यवस्था दे रहा हूं, जिससे प्रश्नकाल सही से चल सके. प्रश्नकाल के दौरान न पक्ष और न विपक्ष कोई कुछ नहीं बोलेगा. प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण समय होता है. वो सदस्यों का समय होता है. ये व्यवस्थाएं हमेशा परंपरा में रही हैं और आगे भी इसे लागू किया जाएगा."
गतिरोध करना ठीक नहीं: लोकसभा स्पीकर
हालांकि, स्पीकर की चेतावनी के बाद भी विपक्षा का हंगामा नहीं थमा. इस पर उन्होंने कहा, "आप सदन और प्रश्नकाल नहीं चलाना चाहते हैं. सदन में नियोजित तरीके से गतिरोध करना ठीक नहीं है. माननीय सदस्यों संसद में विरोध करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी को भी गेट पर आने पर गतिरोध पैदा नहीं होना चाहिए. मुझे कई सदस्यों ने इस बारे में लिखित में शिकायत दी है."
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू खड़े हुए और उन्होंने कहा कि सदन को नियमों और अच्छे तरीके से चलना चाहिए. सदन में इस तरह के प्रश्नकाल में गतिरोध पैदा करना ठीक नहीं है. स्पीकर ओम बिरला ने कहा, "प्रश्नकाल में किसी को भी बोलने की इजाजत नहीं होगी. यही व्यवस्था है." इसके बाद कहीं जाकर विपक्षी सांसद थोड़ा शांत हुए.
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