Parliament Rules on Dharna Demonstration: संसद में इस्तेमाल होने वाले कई शब्दों को असंसदीय करार देने पर बवाल थमा भी नहीं था कि अब संसद परिसर में धरने पर रोक लगाए जाने की बात सामने आई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक आदेश को ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि अब संसद परिसर में कोई भी सदस्य धरना, हड़ताल और भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा. इसे कांग्रेस नेता ने विषगुरु का जयजयकार बताया है. 


क्या बोले जयराम रमेश?
जयराम रमेश ने संसद के सेक्रेट्री जनरल के लेटर को शेयर करते हुए लिखा कि, विषगुरु का नया जयजयकार... D(h)arna मना है! ... जो लेटर कांग्रेस नेता ने शेयर किया है, उसमें लिखा गया है कि सदस्य संसद के परिसर को किसी भी धरना प्रदर्शन, हड़ताल या भूख हड़ताल के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. किसी भी धार्मिक समारोह के लिए भी आयोजन नहीं किया जा सकता. सभी सदस्यों का सहयोग जरूरी है... 






असंसदीय शब्दों को लेकर बवाल
बता दें कि कुछ दिन पहले संसद के सेक्रेट्री जनरल की तरफ से ऐसा ही एक आदेश जारी हुआ. जिसमें बताया गया कि कई शब्द ऐसे हैं जिन्हें अब संसद में नहीं बोला जा सकता, वहीं बोलने पर ये कार्यवाही में शामिल नहीं किए जाएंगे. इन शब्दों में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्द शामिल हैं. इस आदेश के बाद कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. 


विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि इससे केंद्र के कामकाज की आलोचना करने की संभावना बेहद कम हो जाएगी. खासतौर पर जुमलाजीवी शब्द को लेकर काफी विवाद हुआ. कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से अपील करते हुए कहा कि, वो इस फैसले पर पुनर्विचार करें. उस दौरान भी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि, 'मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब 'असंसदीय' माने जाएंगे. अब आगे क्या विषगुरु?' 


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