नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से लोकसभा को 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है. वहीं राज्यसभा को 11 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. सात सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी हंगामा कर रही थी.


लोकसभा के अपने सात सदस्यों के निलंबन के खिलाफ और दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद परिसर में प्रदर्शन किया. संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने अपनी बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी. राहुल गांधी और कई अन्य सदस्य बाद में काली पट्टी बांधकर ही लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए. अपने सात सदस्यों के निलंबन का विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कदम सरकार ने विपक्ष को डराने के मकसद से उठाया है.


इस प्रदर्शन में राहुल गांधी के साथ के. सुरेश, शशि थरूर, गौरव गोगोई और कांग्रेस के कई अन्य सांसद शामिल हुए. निलंबित सदस्यों में से एक गौरव गोगोई ने कहा, ''हम निलंबन से डरने वाले नहीं हैं. हम दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाते और सरकार से जवाब मांगते रहेंगे.'' कांग्रेस सांसदों ने 'गृह मंत्री इस्तीफा दो' और 'प्रधानमंत्री जवाब दो' के नारे भी लगाए.


गौरतलब है कि कांग्रेस के गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को गुरुवार को सदन का अनादर करने और 'घोर कदाचार' के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है.


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