Parliament Security Breach: किसान का बेटा, कोलकाता में पढ़ाता था ट्यूशन, जानें संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मास्टरमाइंड ललित झा के बारे में
Parliament Security Breach News: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का मास्टरमाइंड ललित झा लंबे समय तक कोलकाता में परिवार के साथ रहा था. उसके पिता किसान हैं.
Parliament Security Breach Update: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार लोगों में ललित झा को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. शुक्रवार (15 दिसंबर) को दिल्ली की एक अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
मूल रूप से बिहार का रहने वाला ललित कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में लंबे समय तक किराए पर मकान लेकर रहा था. उसके बारे में सरकारी वकील ने दलील दी कि झा इस घटना का मास्टरमाइंड है. चलिए हम आपको बताते हैं ललित झा कौन है और उसने वारदात के जरिए क्या कुछ योजना बनाई थी.
कोलकाता में ट्यूशन पढ़ाता था ललित झा
ललित झा लंबे समय तक कोलकाता में रहा है और यहां एशिया के सबसे बड़े बाजारों में शुमार बड़ा बाजार इलाके के एक घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता था. हालांकि वह बिहार का मूल निवासी है और वारदात को अंजाम देने से पहले 10 दिसंबर को उसने पूरे परिवार को घर भेज दिया था.
थाने में किया सरेंडर
संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद वह राजस्थान फरार हो गया, लेकिन जब पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश देने लगी तो गुरुवार को उसने संसद के पास कर्तव्य पथ पर एक पुलिस स्टेशन में खुद आकर सरेंडर किया. मामले में एक महिला सहित पांच लोगों पर एंटी-टेरर लॉ अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं.
भगत सिंह से था प्रेरित
झा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से प्रेरित था. उसने संसद के बाहर धुएं के केन लगाने वाले आरोपियों के वीडियो शूट किए. मीडिया कवरेज सुनिश्चित करने के लिए वीडियो को एक एनजीओ संस्थापक को सौंप दिया. उसके बाद सभी के फोन लेकर राजस्थान फरार हो गया था और वही सबके फोन जला दिए थे.
क्या है घटना
दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में यह बात कही गई है कि मनोरंजन डी और सागर शर्मा नाम के युवक लोकसभा में जिन पर्चों को लेकर आए थे, उनमें तिरंगे की पृष्ठभूमि में मुट्ठी की तस्वीर थी. मणिपुर की हिंसा पर हिंदी और अंग्रेजी में एक-एक नारा भी लिखा था. संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त हुई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से ये दोनों लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया.
घटना के तत्काल बाद दोनों को सांसदों ने पकड़ लिया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए. इस घटना को लेकर संसद में लगातार विपक्ष सुरक्षा में चूक पर हंगामा कर रहा है.
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