Parliament Security Breach: दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा के उल्लंघन से जुड़े मामले में छठे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान राजस्थान के नागौर निवासी महेश कुमावत के तौर पर हुई है. महेश पिछले दो सालों से संसद में घुसपैठ को अंजाम देने के लिए अन्य आरोपियों के साथ संपर्क में था. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि संसद में घुसपैठ के बाद इसने सबूत मिटाने के लिए आरोपियों के मोबाइल फोन भी नष्ट कर दिए थे.
संसद की सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने अन्य पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी और ललित मोहन झा के तौर पर हुई है. सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा चैंबर में जीरो ऑवर के दौरान कूदे थे. इन्होंने न सिर्फ सदन के भीतर स्मॉक बॉम्ब का इस्तेमाल किया, बल्कि नारेबाजी भी की. ठीक इसी समय अमोल शिंदे और नीलम देवी संसद के बाहर नारेबाजी कर रहे थे.
पांचवें आरोपी ललित मोहन झा ने कथित तौर पर संसद के बाहर हो रहे प्रदर्शन के वीडियो को रिकॉर्ड किया. उसने इन वीडियो को सोशल मीडिया पर सर्कुलेट भी किया. ललित झा को छोड़कर बाकियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. ललित झा और महेश कुमावत ने पुलिस को खुद ही सरेंडर कर दिया. पूछताछ के दौरान कुमावत का सामना अन्य आरोपियों से होने की भी संभावना है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर महेश कुमावत कौन है.
कौन है महेश कुमावत?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया है कि वह संसद में घुसपैठ के लिए बनाए गए प्लान का हिस्सा है. उसे 13 दिसंबर के दिन दूसरे गेट पर स्मॉक बॉम्ब लेकर खड़ा होना था, लेकिन वह दिल्ली नहीं आ सका. शनिवार को ही महेश को पूछताछ के बाद अदालत के सामने पेश किया गया. महेश पिछले दो साल से इस प्लान को कामयाब बनाने के लिए आरोपियों के संपर्क में था. उसने आखिर में सबूत मिटाकर आरोपियों की मदद भी की.
महेश ने सबूत मिटाने और इस बड़ी साजिश को छुपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड आरोपी ललित झा की मदद की थी. अभियोजकों का कहना है कि इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए महेश से सवाल-जवाब करने की जरूरत है. पुलिस ने 15 दिनों की कस्टडी की मांग की है. वहीं, बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि महेश को उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए बिना किसी वजह के गिरफ्तार किया गया है.
अदालत में बहस के दौरान अभियोजक ने कहा कि आरोपी को हिरासत में लेने की इसलिए जरूरत है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि इस हमले के पीछे क्या मकसद था. इसके अलावा ये भी जाना जा सके कि क्या उसके किसी आतंकी संगठन के साथ संबंध तो नहीं हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि महेश को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वह उसके जरिए बनाए गए 'भगत सिंह फैन क्लब' पेज का भी मेंबर था.
इस बात का संदेह जताया गया है कि महेश कुमावत ने ललित झा को नागौर में छिपने में मदद की. 13 दिसंबर को जब बाकी के आरोपी पकड़े गए, तो ललित झा दिल्ली से भागकर राजस्थान चला गया था. महेश और ललित झा ने गुरुवार को खुद ही दिल्ली पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर दिया. तब से ही उससे पूछताछ की जा रही है.
उनके इंस्टाग्राम अकाउंट को देखने पर पता चलता है कि वह भगत सिंह और छत्रपति शिवाजी से बेहद प्रेरित थे. उसने अपनी प्रोफाइल पर 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'अगर देश में क्रांति लानी है तो खुद क्रांतिकारी होना चाहिए' जैसे नारे लिखे हुए हैं.
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