Parliament Session: राज्यसभा में एक बार फिर से विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था. इस दौरान विपक्ष ने राज्यसभा की कार्रवाई से भी वॉकआउट कर दिया. बीजेपी सांसद घनश्याम तिवारी और सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के बीच एक टिप्पणी के बाद विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया था. 


बीजेपी सांसद घनश्याम तिवारी के माफी ना मांगने पर विपक्षी सांसद नाराज हो गए. उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ पर घनश्याम तिवारी के तिवारी का आरोप लगाया. इस दौरान बीजेपी के सांसद शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.


ये लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है'


बीजेपी के सांसद शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'मैं 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं. मैंने विधानसभा या लोकसभा में कभी प्रतिपक्ष का ऐसा अमर्यादित, अशोभनीय व्यवहार कभी नहीं देखा है.


उन्होंने आगे कहा, 'आज मन व्यथित है, वेदना से भरा हुआ है. ये केवल आसंदी का अपमान नहीं है, ये देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है. ये लोकतंत्र का अपमान है, ये संविधान का अपमान है.आज ये सिद्ध हो गया है कि गैर जिम्मेदार प्रतिपक्ष देश को अराजकता में झोंकने का प्रयास कर रहा है.'


प्रतिपक्ष को मांगनी चाहिए 


शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'हम लोग उत्तर के लिए आते हैं. तो केवल प्रश्नकर्ता का जवाब नहीं देते हैं, हम वो जवाब जनता के लिए भी देते हैं. लेकिन आज प्रश्नकाल में जो व्यवहार किया है, सचमुच में इसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता. इसके लिए प्रतिपक्ष को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सारे सदन को शर्मसार किया है, देश को शर्मसार किया है.


बता दें कि प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मल्लिकार्जुन खरगे पर सांसद घनश्याम तिवारी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया था. घनश्याम तिवारी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर वंशवादी राजनीति से आने का आरोप लगाया था.