Winter Session of Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में ऑक्सीजन की किल्लत और कोरोना के मुद्दे पर बोलते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ऑक्सीजन टैंकर घूम रहे थे लेकिन उसे खाली करने की जगह ही नहीं थी. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बार बार कहा कि इसमें छिपाने की कोई बात नहीं है, कोरोना से जो मौत हुई है उसका डाटा दे.


उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर टैंकर घूमते रहे खाली करने की जगह नहीं थी. मंडाविया ने कहा कि खूब राजनीति हुई ऑक्सीजन के मुद्दे पर और मौतों के मुद्दे पर.  प्रधानमंत्री लगातार यही कहते रहे की मौतों का आंकड़ा छुपाने की जरूरत नहीं है. कुछ राज्यों ने जरूरत के हिसाब से कहीं ज़्यादा ऑक्सीजन की मांग भी की.






उन्होंने आगे कहा कि हमने सभी राज्यों से इसको लेकर आंकड़े के बारे में पूछा था. 19 राज्यों ने इस पर जवाब दिया लेकिन सिर्फ पंजाब ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से उनके यहां पर संदिग्ध मौत हुई. गौरतलब है कि इससे पहले सरकार की तरफ से यह बताया गया था कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत का उनके पास कोई आंकड़ा नहीं है. इसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार की तरफ से दिए गए इस बयान पर निशाना साधा था.


बीजेपी सांसदों ने किया प्रदर्शन


संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए निलंबित किए गए 12 सांसदों ने अपने खिलाफ कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को भी संसद परिसर में अपना धरना जारी रखा. दूसरी तरफ, भाजपा के कई राज्यसभा सदस्यों ने इन निलंबित सांसदों के आचरण के खिलाफ प्रदर्शन किया. भाजपा के राज्यसभा सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर पिछले सत्र के दौरान उच्च सदन में हुए हंगामे की तस्वीर थी और इनमें से कुछ पर लिखा हुआ था, ‘‘लोकतंत्र? या गुंडागिरी?’’


सत्तारूढ़ पार्टी के महासचिव अरुण सिंह, सांसद सैयद जफर इस्लाम, राकेश सिन्हा और कई अन्य सदस्य इस प्रदर्शन में शामिल हुए. उधर, निलंबन के बाद से रोजाना प्रदर्शन कर रहे 12 निलंबित विपक्षी सांसदों ने आज भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया.


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