Parliament Session: 'लद्दाख में एक भी बाहरी ने नहीं खरीदी जमीन और जम्मू-कश्मीर में...', सरकार ने संसद में बताया
Nityanand Rai In Rajya Sabha: साल 2020 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने को लेकर कानून में बदलाव किए थे. अब वहां कितने बाहरी लोगों ने जमीन खरीदी है सरकार ने इसका जवाब दिया है.

Parliament Budget Session: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से धारा 35ए के प्रावधानों को भी खत्म कर दिया गया, इससे राज्य को जो विशेष दर्जा मिला हुआ था वो खत्म हो गया. धारा 35ए ही राज्य में बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए रोकती थी. इसी दौरान लदाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. सरकार ने यहां जमीन खरीदने का ब्यौरा संसद में दिया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताते हुए कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले तीन सालों के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के बाहर के लोगों ने वहां कोई जमीन नहीं खरीदी है. वहीं, जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बाहर के कुल 185 व्यक्तियों ने वर्ष 2020, 2021 और 2022 के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में ज़मीन खरीदी है.
साल 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना लद्दाख
लद्दाख 31 अक्टूबर, 2019 को भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया. इससे पहले, लद्दाख भारत के उत्तरी राज्य जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था. फिर साल 2020 में केंद्र सरकार ने नियम बदल दिया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई भी जमीन खरीद सकता है. केंद्र सरकार ने कहा था कि ये आदेश केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और कश्मीर पुनर्गठन का तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा.
As per the information provided by the Union Territory of Ladakh, no land has been bought by persons from outside the UT during the last three Years : MoS Home Nityanand Rai to Rajya Sabha
— ANI (@ANI) April 5, 2023
हालांकि, खेती वाली जमीन खरीदने में सरकार ने एक बंदिश रखी है. केंद्र ने बताया कि खेती वाली जमीन किसी गैर-खेतीहर व्यक्ति को नहीं ट्रांसफर की जा सकेगी. हालांकि, खेती वाली जमीन गैर-कृषि कार्यों के लिए दी जा सके, इसके लिए कुछ छूट दी गई हैं. जैसे कि खेती की जमीन पर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट या फिर हेल्थ केयर सेंटर बनाना.
पहले क्या था कानून?
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और 35-A हटने से पहले ऐसा व्यक्ति अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता था, जो जम्मू-कश्मीर का निवासी न हो.
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