प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (3 जुलाई, 2024) को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में विपक्ष पर सेलेक्टिव राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है. प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर बंगाल में महिला की पिटाई और संदेशखाली जैसे मामलों का संसद में जिक्र करते हुए विपक्ष को निशाने पर लिया और चयनित राजनीति करने का आरोप लगाया. 


संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री मोदी संसद में जवाब दे रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर बंगाल में एक महिला की सार्वजनिक पिटाई की घटना पर चुप्पी साधे रखने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि चयनित राजनीति चिंता का विषय है.


 उन्होंने कहा कि हाल में सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में देखा गया है कि एक महिला को सार्वजनिक रूप से पीटा जा रहा है. उन्होंने कहा, 'लेकिन कोई उसकी मदद के लिए सामने नहीं आया, लोग वीडियो बनाने में लगे रहे. और जो घटना संदेशखालि में हुई... जिसकी तस्वीरें रौंगटे खड़े करने वाली थीं.'


पीएम मोदी ने कहा, 'लेकिन इनके बड़े-बड़े दिग्गजों के शब्दों में पीड़ा की झलक तक नहीं है. इससे बड़ी शर्मिंदगी और दुखद चित्र क्या हो सकता है? और जो अपने आप को बहुत बड़े प्रगतिशील नेता मानते हैं वह भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं.'


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीतिक गठबंधन होने के कारण महिलाओं की पीड़ा पर चुप रह जाना कतई उचित नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि जिस प्रकार से दिग्गज लोग भी ऐसी बातों को नजरअंदाज करते हैं तब देश को तो पीड़ा होती है, माताओं और बहनों को ज्यादा पीड़ा होती है. राजनीति इतनी सलेक्टिव हो... और जहां उनके अनुकूल राजनीति नहीं होती तो उनको सांप सूंघ जाता है. यह बहुत चिंता का विषय है.'


(पीटीआई-भाषा से इनपुट)


यह भी पढ़ें:-
'इतना मजाक, इतना अपमान, मैं इस कुर्सी पर बैठकर बहुत दुखी हूं...', राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने क्यों कही यह बात