Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में नेता विपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने भगवान शिव का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला किया. उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई, जिसमें वो अभय मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं. इसी मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि त्रिशूल हिंसा का नहीं अहिंसा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि अभय मुद्रा कांग्रेस का प्रतीक चिह्न है.


राहुल गाधी ने तस्वीर दिखाते हुए कहा, “शिवजी हमारी प्रेरणा हैं. उनके गले में सांप हैं, जिसका मतलब है कि वो मृत्यु को अपने पास रखते हैं. शिवजी के बाएं हाथ में त्रिशूल भी है, लेकिन ये हिंसा का प्रतीक नहीं है. अगर ये हिंसा का प्रतीक होता तो दाएं हाथ में होता.”


अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने सदन में और क्या कहा?


सदन में अभय मुद्रा को दिखाने के लिए राहुल गांधी ने भगवान शिव, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, गुरुनानक, इस्ताम यीशु आदि का उदाहरण दिया. उन्होंने इन लोगों के चित्र भी सदन में दिखाए. उन्होंने कहा, “वह भगवान  शिव से प्रेरणा लेते हैं. उनसे मैंने विपीत परिस्थितियों में संघर्ष की प्रेरणा ली है. हम अहिंसा के खिलाफ खड़े हैं. अगर आप भगवान शिव की तस्वीर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि हिंदू कभी भी डर और नफरत नहीं फैलाते हैं.”


राहुल गांधी की नजर में हिंदू होने का मतलब


उन्होंने आगे कहा कि अभय मुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है. अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है. हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय ख़त्म करने की बात की है लेकिन, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं."


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