Mahua Moitra In Parliament: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार (1 जुलाई) को स्पीच दी. इस दौरान महुआ मोइत्रा ने कहा कि पिछली बार मुझे यहां बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मेरी आवाज दबाने की सत्ताधारी दल ने भारी कीमत चुकाई, जनता ने उनके 63 सांसदों को बैठा दिया.


लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के संबोधन के बाद बोलने के लिए खड़ी हुईं महुआ मोइत्रा के बोलना शुरू करने से पहले पीएम मोदी सदन से जाने लगे. इस पर टीएमसी सांसद ने पीएम मोदी से रुक कर उनकी स्पीच भी सुनने के लिए कहा.


'मुझे बोलने नहीं दिया गया'


महुआ मोइत्रा ने कहा, ''पिछली बार जब मैं यहां खड़ी थी तो मुझे बोलने नहीं दिया गया, लेकिन सत्ताधारी दल ने एक सांसद की आवाज दबाने की बहुत भारी कीमत चुकाई है. मुझे बैठाने के चक्कर में जनता ने आपके 63 सदस्यों को स्थायी रूप से बैठा दिया.''


महुआ मोइत्रा ने अपने स्पीच की शुरुआत में पीएम मोदी की ओर से उनके संसदीय क्षेत्र में दो बार रैली करने का जिक्र करते हुए कहा कि ये भी सुनते हुए जाइए. डरिए मत सर. आज तो सुनते जाइए.


'लोकतंत्र के मंदिर में सेंगोल की कोई जगह नहीं'


उन्होंने कहा कि मैंने 2019 में लोकसभा की अपनी पहली स्पीच में फासीवाद के संकेतों पर बात की थी. उन्होंने कहा कि सेंगोल का लोकतंत्र के मंदिर में कोई स्थान नहीं है. बीजेपी को अभी तक समझ नहीं आया है कि उनके राजतंत्र को लोकतंत्र ने 240 सीटों पर ला दिया है.


उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और राष्ट्रपति का अभिभाषण लिखने वालों तक अभी ये बात नहीं पहुंची है कि ये सरकार बहुमत की नहीं है, बल्कि गठबंधन के कई दलों पर निर्भर है. सत्ता पक्ष के लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है.


'अब चुप नहीं करा पाएंगे'


टीएमसी सांसद ने कहा कि इस बार हम 234 सांसद हैं, हम एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि इस बार आप हमें पिछली बार की तरह चुप नहीं करा पाएंगे. इसके साथ उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मणिपुर का नाम न होने पर भी सवाल उठाए.


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