Parliament Special Session: केंद्र सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं. गुरुवार (31 अगस्त) को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ये स्पेशल सेशन 18 से 22 सितंबर तक चलेगा और इसमें पांच बैठकें होंगी. 


सूत्रों के मुताबिक, नए संसद भवन में होने वाले इस सत्र में 10 से ज्यादा बिल पेश किए जा सकते हैं. इस सत्र में अमृतकाल के जश्न पर चर्चा हो सकती है. संसदीय कार्य मंत्री ने भी अपनी पोस्ट में इस ओर इशारा किया है. उन्होंने लिखा है कि अमृतकाल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं.  


अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?


विशेष सत्र बुलाने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, "ऐसी क्या इमरजेंसी पैदा हो गई कि ये सत्र बुलाना पड़ा. पता नहीं सरकार की क्या मंशा है. शायद पीएम मोदी नए भवन पूजा पाठ करना चाहते हैं. हमें कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. सरकार मनमर्जी से संसद चला रही है." 


ये बिल हैं अहम


स्पेशल सेशन बुलाने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है. यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) और महिला आरक्षण से जुड़ा बिल अहम माना जा रहा है. इन सबके बीच अनुच्छेद 370 पर सुनवाई चल रही है. 


जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए तैयार है सरकार


सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिलेगा. इसपर केंद्र सरकार ने आज कहा है कि इसपर फैसला होगा. साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर कहा है कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं. 


विपक्षी नेताओं ने जताई ये आशंका


ऐसे समय में संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है जब पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेता समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की आशंका जता चुके हैं. 


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