Farmers Protest: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद अमराराम ने कहा कि 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों को भले ही दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया गया, लेकिन उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को संसद में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता और उनके मुद्दों को 18वीं लोकसभा में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा.


ऑल इंडिया किसान सभा से जुड़े और 2020-21 में किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी शामिल रहे किसान नेता अमराराम ने कहा कि लोगों ने हाल के चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबक सिखाया है.


लोकसभा में कम क्यों हुई बीजेपी की ताकत?


राजस्थान के सीकर से ‘इंडिया’ गठबंधन समर्थित उम्मीदवार के रूप में जीते अमराराम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश में मंडरा रहे कृषि संकट और किसानों के विरोध प्रदर्शन और अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों के कारण लोकसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या कम हुई. अमराराम पहले दिन ट्रैक्टर से संसद तक पहुंचे लेकिन उन्हें इसे अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई. माकपा नेता ने कहा कि उन्होंने यह संदेश देने के लिए ऐसा किया कि सरकार ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से भले ही रोक दिया हो, लेकिन उन्होंने उन्हें चुनकर संसद भेजा है.


लोकसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर अमराराम ने कहा, ‘‘यह पिछले 10 साल से बीजेपी के खराब शासन के खिलाफ किसानों, युवाओं और मजदूरों के संघर्षों का नतीजा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘2019 में बीजेपी 303 पर थी और आज वह 240 पर पहुंच गई है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में वह जिन सीट पर हारी है, वे उन इलाकों में हैं जहां से 13 महीने तक विरोध करने वाले किसान आए थे. अग्निवीर और किसान विरोध ने बीजेपी को सबक सिखाया है.’’


'बीजेपी को सबक सिखाने के लिए बनाया प्लान'


अमराराम ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने अभी भी सबक नहीं सीखा है, तो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और हम संसद में मुद्दे उठाएंगे.’’ संसद तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर चुनने पर उन्होंने कहा, ‘‘ट्रैक्टर पर सवार होकर संसद तक पहुंचने के पीछे एकमात्र इरादा सरकार को यह बताना था कि जिन किसानों को आप रोकने की कोशिश कर रहे थे, उन्होंने अमराराम को संसद भेजा है और वह उसी ट्रैक्टर पर आ रहे हैं जिसे आपने 13 महीनों तक राष्ट्रीय राजधानी में नहीं आने दिया.’’


उन्होंने कहा, ‘‘अभी भी इस सरकार की पुलिस कहती है कि ट्रैक्टर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकते. ट्रैक्टर कोई लड़ाकू विमान या टैंक नहीं है जो संसद को उड़ा देगा. बड़ी मशीनें यहां आ सकती हैं, हमारे प्रधानमंत्री करोड़ों रुपये की कार का इस्तेमाल करते हैं. किसान और मजदूर, जो इस देश की आबादी का 65 प्रतिशत हैं, राष्ट्रीय राजधानी में नहीं आ सकते?’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘वे अब मुझे रोक नहीं सकते, क्योंकि लोगों ने मुझे चुना है.’’


किसानों के मुद्दे पर क्या बोले अमराराम?


देश में कृषि संकट के बढ़ने पर गंभीर चिंता जताते हुए माकपा सांसद ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, वहीं उपभोक्ताओं को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है, इससे किसी का भला नहीं हो रहा. एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए अमराराम ने आरोप लगाया कि वह किसानों को उद्योगों के लिए सस्ते मजदूर बनाने के वास्ते कृषि को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.


उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुख्य समस्या नीयत और नीति में है. समस्या सरकार के साथ है जो चाहती है कि किसान जीवित रहने के लिए बड़ी कंपनियों के सामने भीख मांगने पर मजबूर हो जाएं. सरकार की यही मंशा है.’’


ये भी पढ़ें: BJP On Congress: 'कांग्रेस ने कहा था पैसे मिलेंगे खटाखट-खटाखट, अब जनता पहुंच रही ऑफिस तो भाग रहे सटासट-सटासट', बीजेपी का तंज