HD Devegowda On New Parliament Building: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने संसद के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते युवा सहयोगियों को सलाह दी कि संसद का उपयोग बहस के लिए किया जाना चाहिए, न कि विरोध प्रदर्शन के लिए. उन्होंने कहा कि सदन में जानकारीपूर्ण चर्चा के लिए सांसद हमेशा तैयार होकर आएं. उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय दलों को एक राष्ट्र और उसके लोकतंत्र के लिए भारत की प्रगति में छोटे, क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय सदस्यों के योगदान को समझना और स्वीकार करना चाहिए.
वहीं, महिला आरक्षण बिल पर पूर्व प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को बधाई दी है. उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देना चाहता हूं, कम से कम उन्होंने कैबिनेट में निर्णय लिया है. यह मामला 1996 से लंबित था. मेरे नेतृत्व वाली यूनाइटेड फ्रंट (UF) ने 1996 में महिला आरक्षण मुद्दे को उठाया था."
नई संसद में मुद्दों पर हो चर्चा
जेडीएस नेता ने कहा, "संसद को गरीबों, किसानों, पीड़ितों और अल्पसंख्यकों को कभी नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने आशा व्यक्त की कि नई संसद का 90 प्रतिशत समय ऐसे लोगों की जरूरतों और उनके विकास पर चर्चा करने में गुजरेगा." कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य देवेगौड़ा ने अपने बयान में कहा, "हम पुरानी इमारत की ढेर सारी यादें और अपने लोकतंत्र की भावना नई इमारत में ले जा रही हैं."
अपने कार्यकाल को किया याद
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह राजनीति में इतने लंबे समय तक रहेंगे और अपने जिंदगी में नया संसद भवन भी देखेंगे. यह इस देश की निरंतर प्रगति और इसके लोकतंत्र की गहराई का संकेत है.
'विरोध प्रदर्शन के लिए ने करें सदन का इस्तेमाल'
देवेगौड़ा ने कहा, "नए संसद भवन में दोनों सदनों के चैंबर में अधिक सीटें हैं. ऐसे में निकट भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व बेहतर होगा." उन्होंने कहा कि नए सदन में जाते वक्त मैं सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक होने के नाते मैं अपने युवा साथियों से चार बातें कहना चाहता हूं कि संसद का उपयोग बहस के लिए किया जाना चाहिए न कि विरोध प्रदर्शन के लिए.
'संसद की लाइब्रेरी का इस्तेमाल करें'
पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया कि वह अपने पूरे करियर में केवल एक बार ही सदन के वेल में गए थे और उन्हें अब भी उस पछतावा है. उन्होंने सांसदों से कहा कि कृपया करके संसद की लाइब्रेरी का इस्तेमाल करें. हमारे विधायी इतिहास को अच्छे से समझने का प्रयास करें.
लाइब्रेरी में बिताया समय
उन्होंने कहा, "जब मैं 1991 में दिल्ली आया, तो मेरा कोई दोस्त नहीं था. ऐसा नहीं है कि अब मेरे बहुत सारे मित्र हैं. मैंने अपना सारा समय लाइब्रेरी में पढ़ने में बिताया. जब मैं 1962 में कर्नाटक विधानसभा में पहुंचा था तो तब भी मैंने भी ऐसा ही किया था. कृपया सदन में हमेशा तैयार होकर आएं. पार्लियामेंट में हमेशा जानकारीपूर्ण चर्चा होनी चाहिए.
13 पार्टी वाली गठबंधन सरकार का किया नेतृत्व
जेडीएस नेता ने कहा, "मैंने 1996 में 13 पार्टी वाली गठबंधन सरकार का भी नेतृत्व किया, जिसमें ज्यादातर क्षेत्रीय दल शामिल थे और हमने बुरा प्रदर्शन नहीं किया. भारत की डायवर्सिटी को मैनेज करना एक बड़े गठबंधन को मैनेज करने जैसा है. भारत कई मायनों में एक बड़ा गठबंधन है. उस विविधता को पोषित करने के लिए हमें बहुत ज्यादा धैर्य रखना होगा."
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