पुरानी संसद की यादें: 91 बार बजट पेश, 4 हजार के करीब बिल हुए पास... ओल्ड पार्लियामेंट बिल्डिंग के कामकाज का आज आखिरी दिन
Parliament Special Session: पुरानी संसद को 1927 में दो आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था. 6 एकड़ (24,281 वर्ग मीटर) में बनी इस इमारत को तैयार करने में 6 साल का समय लगा था.
Parliament Session: पुराना संसद भवन- जिसने ब्रिटिश काल के अंत और देश की आजादी की सुबह देखी, जहां आधी रात को पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का पहला भाषण गूंजा, देश को संविधान मिला, आज उसके कामकाज का आखिरी दिन है. इस इमारत को अंग्रेजों ने लंबी हुकूमत की चाहत में बनवाया था. काउंसिल हाउस से संसद बनी यह इमारत न जाने कितने ही यादगार लम्हों की साक्षी रही है.
साल 1921 में पुरानी संसद को बनाने का काम शुरू हुआ था. हालांकि, 1911 में भारत के दौरे पर आए ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की ओर से दिल्ली को देश की राजधानी बनाने के साथ ही संसद, इंडिया गेट, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत हेरिजेट बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. दिल्ली का सेंट्रल हिस्सा लुटियंस दिल्ली कहलाता है, जहां पर संसद, इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन समेत देश की कई प्रमुख इमारतें मौजूद हैं. लुटियंस दिल्ली का नाम आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस के नाम रखा गया, जिन्होंने इन इमारतों को डिजाइन किया था. एडविन लुटियंस के साथ हरबर्ट बेकर ने भी इन बिल्डिंगों के डिजाइन तैयार किए थे. 1927 में संसद भवन बनकर तैयार हुआ. 6 एकड़ (24, 281 वर्ग मीटर) में बनी इस इमारत को तैयार करने में 6 साल का समय लगा था. आइए एक नजर डालते हैं पुरानी संसद की 75 साल की यादों पर-
पुरानी संसद की यादें
- बनने की शुरुआत- 1921
- बनकर तैयार- 1927
- डिजाइनर- एडविन लुटियंस, हरबर्ट बेकर
- पुराना नाम- काउंसिल हाउस
- संविधान सभा की पहली बैठक- 9 दिसंबर 1946
- भारत को सत्ता का हस्तांतरण- 15 अगस्त 1947
- संविधान अपनाया गया- 26 नवंबर 1949
- लोकसभा-राज्यसभा की पहली बैठक- 13 मई 1952
- पहला अविश्वास प्रस्ताव- 1963
- पहला सत्र-1952
- आखिरी सत्र-2023
चौधरी चरण सिंह संसद का सामना नहीं करने वाले पीएम
28 जुलाई, 1979 को जनता दल (एस) के नेता चौधरी चरण सिंह कांग्रेस और सीपीआई के समर्थन से प्रधानमंत्री बने. हालांकि, इंदिरा गांधी ने अपना समर्थन वापस ले लिया और एक महीने के अंदर ही चौधरी चरण सिंह की सरकार गिर गई और उन्होंने संसद का सामना किए बिना ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
संसद का 75 साल का सफर
- अब तक 5,047 लोकसभा सदस्य
- अब तक 2,418 राज्यसभा सांसद
- अब तक 142 राज्यसभा में मनोनीत सांसद
- 4,796 बार पेश की गई संसदीय कमेटी की रिपोर्ट
- 10.44 लाख बार हुई बहस
- 10.12 लाख पूछे गए सवाल
- 6,473 बार हुई लोकसभा की बैठक
- 5,606 बार हुई राज्यसभा की बैठक
- 3,914 बिल हुए पास
- अब तक 17 लोकसभा स्पीकर बने
- अब तक 14 राज्यसभा सभापति बने
कुछ और महत्वपूर्ण बातें-
- संसद में अब तक 41 विदेशी नेता भाषण दे चुके हैं
- 40- विश्वास मत
- 3 बार हुआ संसद का संयुक्त सत्र
- 990 संसदीय बहस में प्रधानमंत्री की भागीदरी
- 171 बार संसद में राष्ट्रपति का संबोधन
- 91 बार पेश किया गया बजट